अमरीका के शीर्ष श्रेणी के विश्वविद्यालयों ने विदेशी छात्रों को डोनाल्ड ट्रंप के कार्यालय संभालने से पहले अमरीका लौटने का निर्देश दिया है। माना जा रहा है कि ट्रंप के पहले कार्यकाल की तरह यात्रा प्रतिबंध, वीजा समस्याएं और पॉलिसी में बदलाव हो सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के अनुसार, संयुक्त राज्य अमरीका के प्रमुख विश्वविद्यालयों द्वारा छात्रों के लिए जारी की गई एडवाइजरी में उन्हें नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पद की शपथ लेने से पहले संयुक्त राज्य अमरीका लौटने का निर्देश दिया गया है।
इस संबंध में भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा अभी तक कोई औपचारिक दिशानिर्देश नहीं दिए गए हैं मगर इन हालत से इंकार भी नहीं किया गया है। साथ ही अमरीका में भारतीय नागरिकों से यात्रा संबंधी नियमों के प्रति अपडेट रहने का आग्रह किया गया है।
एडवाइजरी के मुताबिक़, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इमिग्रेशन सहित अन्य नीतियों में बदलाव हो सकते हैं।
मैसाचुसेट्स, एमहर्स्ट और संयुक्त राज्य अमरीका के अन्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों द्वारा जारी की गई सलाह में कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति शपथ लेने के बाद पहले दिन यात्रा प्रतिबंध से संबंधित आदेश जारी कर सकते हैं। जैसा कि 2017 में यात्रा प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं।
एडवाइजरी में कहा गया है कि किसी भी समस्या से बचने के लिए विदेशी छात्रों और कर्मचारियों को जनवरी में ट्रंप के शपथ लेने से पहले देश लौट आना चाहिए। नीतियों में बदलाव से वीजा जारी करने में देरी सहित अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
पिछले महीने एक वेबिनार में विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय ने छात्रों को इमिग्रेशन और वीजा नीतियों में बदलाव के संबंध में अपनी चिंताओं से अवगत कराया था। बताते चलें कि भारतीय छात्र अच्छी शिक्षा पाने के लिए बड़ी संख्या में अमरीका जाना पसंद करते हैं। ओपन डोर्स 2024 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, अमरीकी संस्थानों में 331,602 भारतीय छात्रों ने प्रवेश लिया है जो पिछले साल की तुलना में 23 प्रतिशत बढ़ा है।
डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को संयुक्त राज्य अमरीका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। इस बीच अमरीका में पढ़ाई और काम करने वाले भारतीय छात्रों समेत विदेशी छात्रों की मुश्किलें बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस को हराया था।