दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में प्लास्टिक प्रदूषण की चुनौती से निपटने पर लक्षित समझौते पर सहमति बनाने के लिए बातचीत हुई। सोमवार को शुरू हुई यह बात-चीत संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण केन्द्र (UNEP) के नेतृत्व में हो रही है। इस वार्ता के ज़रिये एक क़ानूनी बाध्यकारी दस्तावेज़ पर सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
दक्षिण कोरिया के बन्दरगाह शहर, बुसान में 170 से अधिक देशों और 600 पर्यवेक्षक संगठनों के प्रतिनिधि एक सप्ताह के लिए जमा हुए हैं, जहाँ राष्ट्रपति यून सुक येऑल ने शून्य प्लास्टिक प्रदूषण की ओर बढ़ने के उपाय पर सहमति बनाने के लिए सबको जमा किया है।
प्लास्टिक प्रदूषण पर क़ानूनी रूप से बाध्यकारी उपाय हेतु पिछले दो वर्ष से अन्तर-सरकारी स्तर पर वार्ता जारी थी, जिसमें भूमि व समुद्री पर्यावरणों का भी ध्यान रखा गया, और उसके बाद यह बैठक बुलाई गई है।
वर्ष 2050 तक प्लास्टिक की मात्रा, मछलियों से
अधिक हो सकती है- एंटोनियो गुटेरेस
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने एक वीडियो सन्देश द्वारा प्रतिनिधियों से कहा है कि वह समझौते को आकार देने की ज़िम्मेदारी निभाएं। अपने बयान में उन्होंने कहा- “हमारी दुनिया प्लास्टिक प्रदूषण में डूब रही है। हर वर्ष, हम 46 करोड़ टन प्लास्टिक का उत्पादन करते हैं, जिसमें से अधिकाँश को जल्दी ही फेंक दिया जाता है।”
साथ ही उन्होंने चेताया कि महासागर में वर्ष 2050 तक प्लास्टिक की मात्रा, मछलियों से अधिक हो सकती है। इसके अलावा उन्होंने इंसानी रक्त में प्लास्टिक के सूक्ष्म कण जैसी स्वास्थ्य समस्याओं की बात भी कही।
यूएनईपी की कार्यकारी निदेशक इंगेर ऐंडरसन ने ऐतिहासिक समझौते की आशा व्यक्त करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि कार्रवाई करने का समय आ गया है।
अपने बयान में उन्हकै कहना था- “कोई भी व्यक्ति पृथ्वी पर अपने किनारों पर प्लास्टिक को लहरों के साथ आते हुए, प्लास्टिक कणों को अपने शरीर या अपने अजन्मे बच्चों में प्रवाहित होते हुए नहीं देखना चाहता।” उन्होंने इस बात का भी ज़िक्र किया कि औद्योगिक देशों के समूह जी20 में भी इसी भावना को व्यक्त किया गया था।