सोमवार को अमरीकी राष्ट्रपति भवन यानी व्हाइट हाउस में दिवाली का त्योहार मनाया गया। राष्ट्रपति बाइडेन का कहना है कि राष्ट्रपति के रूप में उन्हें व्हाइट हाउस में अब तक के सबसे बड़े दिवाली रिसेप्शन की मेजबानी करने का सम्मान मिला है।
व्हाइट हाउस में आयोजित इस कार्यक्रम में 600 से ज्यादा भारतीय-अमरीकी नागरिक सम्मिलित हुए। जश्न के इस अवसर पर बाइडेन ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है कि बतौर सीनेटर, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति के रूप में काम करते हुए मेरे स्टाफ के प्रमुख सदस्य दक्षिण एशियाई अमरीकी रहे हैं।
राष्ट्रपति बाइडेन ने साल 2016 में व्हाइट हाउस में होने वाले दिवाली समारोह को याद किया और कहा कि ‘दक्षिण एशियाई अमरीकियों सहित अप्रवासियों के प्रति घृणा और शत्रुता से बना एक काला बादल’ 2024 में एक बार फिर दिखाई दे रहा है। आगे उन्होंने ज़िक्र किया कि अमरीका हमें अपनी शक्ति की याद दिलाता है कि हम सभी को प्रकाश बनना चाहिए।
अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है कि बतौर सीनेटर, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति के रूप में काम करते हुए मेरे स्टाफ के प्रमुख सदस्य दक्षिण एशियाई अमरीकी रहे हैं।
जो बाइडन ने व्हाइट हाउस के ब्लू रूम में कार्यक्रम के दौरान औपचारिक दीया प्रज्जवल की रस्म पूरी की और दक्षिण एशियाई अमरीकी समुदाय को इस अवसर पर अमरीकी लोकतंत्र में योगदान देने के लिए धन्यवाद दिया।
भारतीय अमरीकी युवा सामाजिक कार्यकर्ता श्रुति अमुला के अलावा अमरीकी सर्जन जनरल डॉक्टर विवेक मूर्ति, सुनीता विलियम्स ने भी संबोधन दिया। ये संबोधन बाइडन के संबोधन से पहले दिया गया।
गौरतलब है कि सुनीता विलियम्स अभी अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर मौजूद हैं, ऐसे में उन्होंने वीडियो रिकॉर्डेड संदेश भेजा।
बताते चलें कि चुनावी सरगर्मियों के चलते उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और प्रथम महिला डॉक्टर जिल बाइडेन इस दिवाली कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकीं।