कनाडा ने नए अप्रवासियों की संख्या में 20 फीसदी की कटौती करने का फैसला किया है। कनाडाई सरकार ने पिछले साल एलान किया था कि वह अपने लक्ष्य बनाए रखेगी। कनाडा के इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने इस फैसले को “शायद अपनी तरह की पहली” योजना कहा, जिसका मकसद जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना है।
इस समय कनाडा आवास और मुद्रास्फीति जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। ऐसे में कनाडा ने जनसंख्या वृद्धि पर लगाम की कोशिश के तहत नए आप्रवासियों की संख्या में बड़ी कटौती का एलान किया है। इस कटौती का सीधा प्रभाव उन भारतीयों पर पड़ेगा, जो कनाडा जाने वाला सबसे बड़ा आप्रवासी समूह है।
इस समय कनाडा आवास और मुद्रास्फीति जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। यहाँ सरकार विदेशी कामगारों के लिए नियम भी सख्त करने के साथ स्थानीय लोगों को पहले रोजगार देने की प्राथमिकता बना रही है।
कनाडा ने पहले 2025 और 2026 में 5 लाख नए स्थायी निवासियों को देश में बसाने की योजना बनाई थी लेकिन यह लक्ष्य अब 2024 में 3 लाख 95 हज़ार और 2026 में 3 लाख 80 हज़ार कर दिए गए हैं। 2027 का लक्ष्य 3 लाख 65 हज़ार रखा गया है।
‘स्टैटिस्टिक कनाडा‘ के मुताबिक़, 2021 तक अधिकतर प्रवासी एशिया और मध्य पूर्व से आए थे, लेकिन अफ्रीका से आने वाले प्रवासियों की संख्या बढ़ रही है। हाल ही में एक सर्वेक्षण में पाया गया कि नए आप्रवासियों में से लगभग एक-चौथाई भारत में जन्मे थे।
गौरतलब है कि कनाडा की आबादी इस समय 4.1 करोड़ हो गई है। साल 2023 की तुलना में साल 2024 में यहाँ की आबादी 3.2 प्रतिशत बढ़ी है जो कि 1957 के बाद से सबसे बड़ी वार्षिक बढ़त है। इसमें नए आप्रवासियों की बड़ी संख्या भी शामिल है, जिनमे सबसे ज्यादा वृद्धि अस्थायी नागरिकों, खासकर छात्रों की हुई।
इसके अलावा सरकार विदेशी कामगारों के लिए नियम भी सख्त कर रही है। विदेशी कर्मचारियों को काम पर रखने वाली कंपनियों को पहले रोजगार के लिए स्थानीय कनाडाई लोगों को प्राथमिकता देनी होगी।