आज संयुक्त राष्ट्र अपनी 79वीं वर्षगांठ मना रहा है। अमरीकी शहर न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र भवन वह स्थान है जहां हर साल सदस्य देशों के प्रमुख, विश्व शांति, देशों की अखंडता और जलवायु परिवर्तन जैसी कई महत्वपूर्ण समस्याओं को हल करने के लिए एक साथ बैठते हैं।
जब दुनिया दो विश्व युद्धों का सामना कर चुकी थी तब 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी। संयुक्त राष्ट्र की स्थापना ‘भावी पीढ़ियों को युद्ध के संकट से बचाने’ के नारे के साथ की गई। संयुक्त राष्ट्र का एक अन्य प्रमुख उद्देश्य आर्थिक और सामाजिक विकास लाना भी था।
संयुक्त राष्ट्र के वह पांच सदस्य देश जो प्रभाव की दृष्टि से सबसे शक्तिशाली हैं, उनमे इस समय अमरीका और रूस दोनों ही युद्धों का समर्थन कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र नाम का प्रयोग पहली बार 1941 में अमरीकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट द्वारा किया गया था। वर्ष 1945 में 50 देशों ने संगठन की स्थापना के लिए हस्ताक्षर किए और इस तरह वर्तमान में 193 सदस्य देश और दो गैर-राज्य इसमें शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र की 79वीं वर्षगांठ के अवसर पर पूरा विश्व आशा करता है कि जलवायु परिवर्तन, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक कठिनाइयों के निपटारे को ध्यान में रखते हुए काम किया जाए।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अपनी स्थापना के बाद से, दुनिया भर में लगभग 70 शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमे कंबोडिया, अल साल्वाडोर, ग्वाटेमाला, मोज़ाम्बिक, नामीबिया, ताजिकिस्तान और अन्य देश शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के साथ इसकी छह बुनियादी संस्थाएँ भी अस्तित्व में आईं। इनको महासभा, आर्थिक और सामाजिक परिषद, सुरक्षा परिषद, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय, ट्रस्टीशिप परिषद और सचिवालय के नामों से जाना गया।
अंतरराष्ट्रीय मामलों में प्रबंधन की दृष्टि से संयुक्त राष्ट्र को एक मजबूत संगठन माना जाता है, लेकिन संयुक्त राज्य अमरीका उन पांच देशों में से एक है, जिसके पास वीटो का अधिकार है। इस समय अमरीका, इजरायल का समर्थन कर रहा है और फिलिस्तीनी नागरिकों पर युद्ध थोप रहा है, जबकि रूस ने भी पिछले दो साल से यूक्रेन के साथ युद्ध छेड़ रखा है।
संयुक्त राष्ट्र की बैठक हर साल सितंबर में होती है इसके सभी 193 सदस्य देश महासभा के सदस्य हैं। इसमें महत्वपूर्ण मामलों में साधारण बहुमत या कभी-कभी दो-तिहाई बहुमत से निर्णय लिये जाते हैं।
वर्तमान में इज़रायली आक्रामकता और क्रूरता के कारण संयुक्त राष्ट्र में इज़रायल के ख़िलाफ़ कई प्रस्ताव पेश किए गए, लेकिन इज़रायल के पक्ष में संयुक्त राज्य अमरीका के वीटो ने संयुक्त राष्ट्र को एक शक्तिशाली देश के सामने झुकने के लिए मजबूर कर दिया।
संयुक्त राष्ट्र के पास पाँच वीटो शक्तियाँ हैं जिनमे संयुक्त राज्य अमरीका, रूस, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम के नाम एते हैं।
संयुक्त राष्ट्र की 79वीं वर्षगांठ के अवसर पर पूरा विश्व आशा करता है कि जलवायु परिवर्तन, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक कठिनाइयों के निपटारे को ध्यान में रखते हुए काम किया जाए।