ईरान का कहना है कि एकतरफा संयम का चरण खत्म हो गया है, किसी भी इजरायली हमले का अपरंपरागत जवाब दिया जाएगा।
ईरान ने अमरीका को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि इस बार इजरायली बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया जाएगा।
अरब मीडिया के मुताबिक, कतर की ओर से भेजे गए संदेश में कहा गया है कि एकतरफा संयम ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा जरूरतों को पूरा नहीं करता है।
ईरान का कहना है कि हमारी प्रतिक्रिया केवल हमलावर के खिलाफ होगी, अगर कोई देश हमलावर की मदद करता है तो उसे सहयोगी और वैध लक्ष्य माना जाएगा।
इस बीच ईरान ने दूसरे देशों को भी इजरायल के खिलाफ अपनी लड़ाई से दूर रहने की चेतावनी दी है। संदेश में आगे कहा गया कि ईरान क्षेत्रीय युद्ध नहीं चाहता है लेकिन इसके लिए इजराइल को रोका जाना चाहिए।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में अपने मिशन के जरिए इजरायल के साथ चल रहे संघर्ष पर अपने बयान में ईरान ने अन्य देशों को चेतावनी दी है कि वे इजरायल के खिलाफ संघर्ष में शामिल न हों, अन्यथा उन्हें भी वैध लक्ष्य माना जाएगा.
ईरान का कहना है कि हमारी प्रतिक्रिया केवल हमलावर के खिलाफ होगी, अगर कोई देश हमलावर की मदद करता है तो उसे सहयोगी और वैध लक्ष्य माना जाएगा। बता दें कि ईरान का यह बयान सुरक्षा परिषद की एक अहम बैठक के करीब 24 घंटे बाद सामने आया है।
अरब मीडिया के मुताबिक, इस बयान में ईरान का कहना है कि हमारी प्रतिक्रिया केवल हमलावर के खिलाफ होगी, अगर कोई देश हमलावर की मदद करता है तो उसे सहयोगी और वैध लक्ष्य माना जाएगा।
ईरानी मिशन ने यह भी कहा कि हम अन्य देशों को सलाह देते हैं कि वे इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष में खुद को उलझने से बचें और इस संघर्ष से दूर रहें।
ईरान की इस प्रतिक्रिया पर अमरीकी राष्ट्रपति बाइडेन का कहना है कि हम इजरायल को हमला करने की इजाजत नहीं देते, सलाह देते हैं। ईरानी प्रतिष्ठानों पर इजरायली हमलों की चर्चा जारी है।
बताते चलें कि ईरान का यह बयान सुरक्षा परिषद की बुधवार सुबह करीब तीन घंटे तक चली अहम बैठक के करीब 24 घंटे बाद आया है।
इस बैठक में ईरानी राजदूत अमीर सईद इरवानी ने कहा कि इजरायल पर ईरानी हमला संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत आत्मरक्षा में किया गया था।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो ईरान आगे भी रक्षात्मक कदम उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है। बताते चलें कि मंगलवार रात जब ईरान ने इजराइल पर 200 से ज्यादा मिसाइलें दागीं हैं। इस प्रतिक्रिया में इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनकी कैबिनेट के कई सदस्य अपनी जान बचाने के लिए कई घंटों तक भूमिगत बंकरों में रहे।