ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस इस समय कई देशों के दौरे पर हैं। इस समय वह दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में हैं। उन्होंने यहाँ पहुंचकर देश के इमाम से मुलाकात की और एक संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये।
पोप फ्रांसिस इस समय इंडोनेशिया की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। पोप ने मस्जिद इस्तिकलाल में संबोधन में ‘संघर्ष भड़काने में धर्म के इस्तेमाल’ के ख़िलाफ़ चेतावनी भी दी।
धार्मिक सौहार्द और पर्यावरण संरक्षण को लेकर पोप ने राजधानी जकार्ता की इस्तिकलाल मस्जिद में शाही इमाम के साथ एक घोषणा पर हस्ताक्षर किया। उन्होंने यहां छह अन्य धर्मों के नेताओं से भी मुलाक़ात की।
पोप एशिया प्रशांत क्षेत्र के 11 दिवसीय दौरे पर हैं। पोप ने कहा कि आज मानवता, जंग, संघर्ष और पर्यावरण की तबाही के कारण ‘भारी संकट’ में है।
गुरुवार को पोप ने दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद से अपने संबोधन में कहा- ‘सभी धर्मों के लोगों को ये जानना चाहिए कि हम सभी भाई हैं, सभी लोगों का एक ही मार्ग है, ईश्वर तक पहुंचना।’ आगे उन्होंने कहा कि आज मानवता, जंग, संघर्ष और पर्यावरण की तबाही के कारण ‘भारी संकट’ में है।
इस बीच दोनों धर्मगुरुओं ने ‘टनल ऑफ़ फ़्रेंडशिप’ का मुआयना किया। यह 91 फ़ुट लंबी सुरंग इस्तिकलाल मस्जिद को सड़क के दूसरी तरफ़ बने कैथलिक चर्च से जोड़ती है।
‘टनल ऑफ़ फ़्रेंडशिप’ को धार्मिक भाईचारे का प्रतीक मानते है,जहां यह देखने को मिलता है कि किस तरह से अलग-अलग धार्मिक विश्वास के लोग एक साझी विरासत से आते हैं।
गुरुवार को इंडोनेशिया में अपने दौरे का आखिरी दिन गुज़ारने वाले पोप एशिया प्रशांत क्षेत्र के 11 दिवसीय दौरे पर हैं। अपने कार्यकाल में 87 वर्षीय पोप का यह सबसे लंबा विदेशी दौरा है। यहाँ से पोप पापुआ न्यू गिनी, तिमोर लेस्टे और सिंगापुर के लिए रवाना होंगे।
इंडोनेशिया को दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम बहुसंख्यक देश का दर्जा मिला है। इंडोनेशिया की आबादी 275.5 मिलियन है, जहाँ आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त छह धर्म हैं- इस्लाम, प्रोटेस्टेंट, कैथलिक, बौद्ध, हिंदू और कन्फ़्यूशियस।