माइक्रोसॉफ्ट क्राउडस्ट्राइक सिस्टम के प्रभावित होने के कारण शुक्रवार को दुनियाभर की सुविधाएं प्रभावित रहीं। ज़्यादातर क्षेत्रों में नियंत्रण के बावजूद अभी भी कुछ सेक्टर समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि सिस्टम पूरी तरह ठीक होने में कुछ समय लग सकता है। हालाँकि इस बीच अब बिजनेस और सर्विसेज धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं लेकिन फ्लाइट ऑपरेशन में कुछ दिक्कत पेश आ रही है।
भारतीय समयानुसार इसका प्रभाव शुक्रवार सुबह 10:40 बजे दिखना शुरू हुआ था। इन असुविधाओं के लिए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर कंपनी क्राउडस्ट्राइक के सीईओ जॉर्ज कर्ट्ज ने माफी मांगी है। उनका कहना है कि कंपनी द्वारा प्रॉब्लम सॉल्व कर दी है, लेकिन सभी सिस्टम को सामान्य होने में कुछ समय लग सकता है।
क्राउडस्ट्राइक अपडेशन के चलते माइक्रोसॉफ्ट के एज्योर क्लाउड और माइक्रोसॉफ्ट 365 सर्विसेज प्रभावित हुई। माइक्रोसॉफ्ट ने इसे “थर्ड पार्टी इश्यू” बताया है।
माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला सेक्टर एयरपोर्ट रहा। इस समस्या के चलते दुनियाभर में तकरीबन 4,295 फ्लाइट कैंसिल की गईं।
एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए जॉर्ज कर्ट्ज ने कहा- क्राउडस्ट्राइक सभी प्रभावित कस्टमर्स और पार्टनर्स के साथ मिलकर काम करना जारी रखे हुए है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी सिस्टम बहाल हो जाएं।
बताते चलें कि क्राउडस्ट्राइक की ओर से माइक्रोसॉफ्ट विंडोज यूजर्स को दिए गए एक सॉफ्टवेयर अपडेट के चलते यह समस्या सामने आई थी। माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले विश्व के करोड़ों सिस्टम की स्क्रीन नीली हो गई और कंप्यूटर ऑटोमेटिक स्टॉर्ट होने लगा।
इससे दुनियाभर में सुपर मार्केट, बैंक, फ्लाइट, ट्रेनें, हॉस्पिटल, डिजिटल पेमेंट, स्टॉक एक्सचेंज से लेकर टीवी चैनल तक की सेवाएं प्रभावित हुई और रुक गईं। इस दौरान एपल और लाइनक्स के यूजर्स इससे बेअसर रहे।
माइक्रोसॉफ्ट द्वारा इसे “थर्ड पार्टी इश्यू” बताये जाने पर कहा जा रहा है कि ऐसा कहकर माइक्रोसॉफ्ट ने अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की है। दरअसल उसके पास इस समस्या से उबरने का कोई ‘प्लान बी’ नहीं था। ऐसे में माइक्रोसॉफ्ट को इन्तिज़ार था कि खुद साइबर सिक्योरिटी फर्म इसे दूर करेगी।
माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला सेक्टर एयरपोर्ट रहा। इस समस्या के चलते दुनियाभर में तकरीबन 4,295 फ्लाइट कैंसिल की गईं। केवल अमेरिका में ही 1100 फ्लाइट रद्द हुईं और 1700 देरी से चलीं।
भारत में भी मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु सहित देश के बड़े एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल रहा। ऑनलाइन सर्विसेज ठप होने से यात्रियों को फ्लाइट बोर्डिंग पास हाथ से लिखकर दिए गए।