वर्ल्ड इकनोमिक फोरम द्वारा प्रकाशित ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2024 के अनुसार कुल 146 देशों में भारत 129वें स्थान पर है। पिछले वर्ष की तुलना में भारत दो स्थान लुढ़क गया है।
ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स को शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीति और अर्थव्यवस्था में भागीदारी के आंकड़ों के आधार पर बनाया जाता है।
अर्थव्यवस्था की बात करें तो भारत दुनिया के उन देशों के साथ खड़ा है जहां महिलाओं की स्थिति बेहद खराब है। यहाँ पुरुष की 100 रुपये आमदनी की तुलना में महिलाएं 40 रुपये ही कमा पाती हैं।
महिलाओं की अर्थव्यवस्था में भागीदारी सबसे कम 31.1 प्रतिशत बांग्लादेश में है। सूडान में 33.7 प्रतिशत, ईरान में 34.3 प्रतिशत, पाकिस्तान में 36 प्रतिशत, भारत में 39.8 प्रतिशत और मोरक्को में 40.6 प्रतिशत है।
ऑस्ट्रिया के इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ एप्लाइड सिस्टम्स की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में पांच वर्ष से कम उम्र की जितनी लड़कियों की मौत होती है, उनमें से 22 प्रतिशत मौतें केवल इसलिए होतीं हैं कि वे लड़कियां थीं।
हालाँकि 5 खरब डॉलर वाली अर्थव्यवस्था के साथ पांचवीं से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को ये आंकड़े फेल करते नज़र आते हैं। ये बेहद अफ़सोस की बात है कि लैंगिक अंतर के सन्दर्भ में दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था में भारत बेहद नीचे जगह बना रहा है। इस सन्दर्भ में भारत केवल पाकिस्तान से आगे है।
हालाँकि संसद में महिला आरक्षण बिल पास होने तथा ‘सबका साथ सबका विकास’ और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसे नारों के बावजूद नारी शक्ति का आह्वान खोखला साबित नज़र आता है।
जेंडर गैप इंडेक्स में आइसलैंड शीर्ष स्थान पर है और इसके बाद आने वाले देशों का क्रम इस तरह है- फ़िनलैंड, नॉर्वे, न्यूज़ीलैण्ड, स्वीडन, निकारागुआ, जर्मनी, नामीबिया, आयरलैंड और स्पेन।
अर्थव्यवस्था के हवाले से बात करें तो जर्मनी 7वें स्थान पर, यूनाइटेड किंगडम 14वें, दक्षिण अफ्रीका 18वें, फ्रांस 22वें, ऑस्ट्रेलिया 24वें, मेक्सिको 33वें, कनाडा 36वें, अमेरिका 43वें, ब्राज़ील 70वें, संयुक्त अरब अमीरात 74वें, इटली 87वें, दक्षिण कोरिया 94वें, जापान 118वें और सऊदी अरब 126वें स्थान पर है।
भारत अर्थव्यवस्था इंडेक्स में सम्मिलित कुल 146 देशों में 129वें स्थान पर है। इसी क्रम में बांग्लादेश 99वें स्थान पर, चीन 106वें स्थान पर, नेपाल 117वें स्थान पर, श्रीलंका 122वें स्थान पर, भूटान 124वें स्थान पर और पाकिस्तान 145वें स्थान पर है।
महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और अर्थव्यवस्था में अवसर की बात करें तो भारत इस इंडेक्स के 146 देशों में 142वें स्थान पर है, यानि दुनिया में कुल 4 देश ऐसे हैं जो हमसे भी खराब स्थिति में हैं।
महिलाओं की शिक्षा के हवाले से भारत 112वें स्थान पर हैं, स्वास्थ्य में लैंगिक समानता के सन्दर्भ में भी भारत 142वें स्थान पर हैं।
महिलाओं के राजनैतिक सशक्तीकरण में भारत 65वें स्थान पर है, हालाँकि यह भागीदारी ग्रामपंचायत और पार्षद के स्तर पर नजर आती है।