इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को नई दिल्ली लौट आए। इस एक दिवसीय यात्रा में जी7 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने भारत का दृष्टिकोण रखने के साथ कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।
इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत को ‘आउटरीच देश’ के रूप में आमंत्रित किया था। प्रधानमंत्री ने वैश्विक नेताओं के साथ अपनी इस यात्रा को सफल बताया है।
सोशल मीडिया साईट एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए उन्होंने लिखा कि अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन में काफी सफल दिन रहा। आगे उन्होंने वैश्विक नेताओं के साथ वार्ता और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की बात कही।
अपनी पोस्ट में प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि हमारा लक्ष्य मिलकर प्रभावशाली समाधान तैयार करना है जिससे वैश्विक समुदाय लाभान्वित हो और भावी पीढ़ियों के लिए बेहतर दुनिया का निर्माण किया जा सके।
प्रधानमंत्री ने इटली की जनता और वहां की सरकार को शानदार मेहमाननवाज़ी के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि एक महत्वपूर्ण जी7 सम्मेलन जहां मैंने विश्व मंच पर भारत का दृष्टिकोण रखा।
प्रधानमंत्री ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के अलावा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की तथा जापान से प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा से भी द्विपक्षीय बैठकें कीं।
जी-7 में शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन उपस्थित मेजबान इटली के साथ अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान और कनाडा ने चीन के खिलाफ दो संकल्पों को मंजूरी दी। इनमें उन संस्थाओं के खिलाफ भी प्रतिबंध लगाने का वादा किया है, जिन्होंने धोखाधड़ी से तेल की ढुलाई करके रूस को प्रतिबंधों से बचने में मदद की है।