वैज्ञानिक मानते हैं कि भारत ने इस वर्ष जिस हीटवेव का सामना किया है वह इंसानों की सहनशीलता से काफी ज्यादा रही है। वैज्ञानिक इसकी प्रमुख वजह जीवाश्म ईंधन का ज्यादा इस्तेमाल बता रहे हैं।
क्लाइमामीटर की एक रिपोर्ट खुलासा करती है कि मई में भारत में भीषण हीटवेव चली है। इसका कारण अल नीनो प्रभाव, मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर की सतह का काफी ज्यादा गर्म होना तथा ग्रीनहाउस गैसों के कारण गर्मी का प्रकोप बढ़ना बताया जा रहा है।
वैज्ञानिकों के एक दल का दावा है कि भारत के मई में इस बार चलने वाली हीट वेव अब तक की सबसे ज्यादा गर्म हीटवेव रही है। ये इंसान की सहनशीलता से काफी ज्यादा थी।
वैज्ञानिकों के मुताबिक़ 2024 में पड़ने वाली गर्मी बीते कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ने वाली रही। वर्ष 1979-2001 तथा वर्ष 2001-2023 के तापमान की तुलना के आधार पर इन वैज्ञानिकों का मानना है कि साल 2024 में काफी ज्यादा गर्मी पड़ी है।
विशेषकर मई के आखिरी सप्ताह जिनमे 26 से 29 मई के बीच उत्तरी और मध्य भारत में भीषण गर्मी का दौर देखने को मिला। इस बीच नई दिल्ली में रिकॉर्ड तापमान रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया था।
जानकारों द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक मई के महीने में दर्ज की गई हीटवेव बाकी वर्षों के मुकाबले डेढ़ डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म रही।
भारत में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंचने पर फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च के डेविडे फ्रांडा इसका कारण कार्बन डाइ ऑक्साइड के उत्सर्जन को बताते हैं। उनका कहना है कि इसे कम करने के लिए कोई तकनीकी समाधान नजर नहीं आ रहा है।