शेयर बाज़ार में बीते 4 वर्षों में पहली बार इतना बड़ा क्रैश देखा गया है। चुनाव के नतीजे आने के बाद बाजार के बदले समीकरण ने निवेशकों को ज़मीन पर ला दिया है। बुधवार के शुरुआती कामकाज में एशियाई शेयर बाजारों में भी मिला-जुला रुख नज़र आ रहा है।
4 जून 2024 का दिन शेयर बाजार के लिए ऐतिहासिक दिन साबित हुआ। शेयर मार्केट में होने वाली भारी गिरावट के कारण निवेशकों को 31 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
चुनाव नतीजे आने के बाद बीएसई सेंसेक्स करीब छह फीसद गिरा जिसने रिटेल इनवेस्टर्स को बड़े संशय में डाल दिया है। मार्केट पर इस समय इजरायल-हमास संघर्ष का भी असर बरक़रार है। इन हालत में जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से यूएस फेड द्वारा दरों में कटौती को लेकर बाजार की उम्मीदें धराशाई हुई हैं।
शेयर बाजार के जानकार कह रहे हैं कि इस समय बाजार में काफी उतार-चढ़ाव का माहौल है। ऐसे में अगले कुछ ट्रेडिंग सेशन में ट्रेडर्स को सावधानी से कामकाज करने की सलाह दी जाती है।
कोविड के बाद से यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। कल के भूचाल के बाद आज घरेलू शेयर बाजार हरे निशान पर खुले हैं। सेंसेक्स ने 500 अंकों से ज्यादा की बढ़त से स्टार्ट लिया वहीँ निफ्टी भी 100 अंकों से ज्यादा की तेजी पर खुला।
इस समय हर निवेशक के दिल में ये सवाल है कि एनडीए को मिलने वाला कमजोर जनादेश बाजार को किस रुख में ले जाएगा। माना जा रहा है कि अभी बड़े रिफॉर्म की रफ्तार कम हो सकती है। गठबंधन की सरकार होने से मार्केट में भी अस्थिरता देखने को मिलेगी। सरकार के फैसलों में विपक्ष दखल बढ़ने से कई मामलों में असर पड़ने की उम्मीद है।
इस सम्बन्ध में जानकारों को कहना है कि निवेशकों को इसे सामान्य घटना की तरह लेते हुए पूर्व के अनुभवों से सीखना चाहिए। बाजार का इतिहास बताता है कि मार्केट से जुड़ी भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है।
शेयर बाजार के जानकार कह रहे हैं कि इस समय बाजार में काफी उतार-चढ़ाव का माहौल है। ऐसे में अगले कुछ ट्रेडिंग सेशन में ट्रेडर्स को सावधानी से कामकाज करने की सलाह दी जाती है।