इजराइल सरकार ने कतर के समाचार चैनल अल जजीरा का प्रसारण बंद कर दिया, जबकि अल जजीरा मीडिया नेटवर्क ने इस फैसले की निंदा करते हुए इसे आपराधिक कृत्य बताया है।
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर हिब्रू भाषा में बयान दिया कि सरकार ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि भड़काऊ चैनल अल जजीरा को इजरायल में प्रतिबंधित किया जाए।
इजराइल के फैसले की आलोचना करते हुए कहा गया है कि अल जजीरा पत्रकारों की गिरफ्तारी, दबाव और धमकी से नहीं डरेगा जबकि गाजा में युद्ध के दौरान अब तक 140 से ज्यादा पत्रकार शहीद हो चुके हैं।
इजराइल के संचार मंत्री श्लोमो करही ने एक्स पर दिए एक बयान में कहा कि उन्होंने अल जजीरा के खिलाफ आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और इसे तुरंत लागू किया जाएगा।
श्लोमो करही ने कहा कि उन्होंने चैनल की सामग्री को प्रसारित करने के लिए इस्तेमाल किए गए उपकरणों को जब्त करने का भी आदेश दिया, जिसमें संपादन, रूटिंग उपकरण, कैमरा, माइक्रोफोन, सर्वर, लैपटॉप, साथ ही वायरलेस ट्रांसमिशन उपकरण और कई मोबाइल फोन भी शामिल हैं।
बाद में, इजरायली पुलिस ने कब्जे वाले पूर्वी यरुशलम में अल जज़ीरा के कार्यालय पर छापा मारा, और उपग्रह और केबल नेटवर्क ने अल जज़ीरा का प्रसारण बंद कर दिया।
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस कदम का फैसला लिया गया। जहाँ कैबिनेट ने सर्वसम्मति से इज़राइल में अल जज़ीरा पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया।
"If you’re watching this… then Al Jazeera has been banned in Israel."
Al Jazeera's @ajimran recorded his last report from occupied East Jerusalem, pre-empting the Netanyahu gov't’s unanimous decision to close Al Jazeera in Israel ⤵️ pic.twitter.com/ZOzqxpSKGJ
— Al Jazeera English (@AJEnglish) May 5, 2024
कुछ हफ्ते पहले इजराइल की संसद ने एक कानून पारित किया था. जिसने विदेशी प्रसारकों को अस्थायी रूप से बंद करने की अनुमति दी गई थी, इन प्रसारणों को गाजा में युद्ध के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया था।
अल-जजीरा मीडिया नेटवर्क ने इजरायली सरकार के फैसले को एक आपराधिक कृत्य बताते हुए कड़ी निंदा की और चेतावनी दी कि प्रेस की स्वतंत्रता का दमन अंतरराष्ट्रीय और मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
अल जज़ीरा ने अपने वैश्विक दर्शकों को समाचार और जानकारी प्रदान करना जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि अल जज़ीरा मीडिया नेटवर्क इस आपराधिक कृत्य की कड़ी निंदा करता है क्योंकि यह मानवाधिकारों और सूचना तक पहुंच के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
बयान में कहा गया है कि प्रेस पर इजराइल का मौजूदा प्रतिबंध गाजा में उसके क्रूर अभियानों को छुपाने का एक प्रयास है, जो अंतरराष्ट्रीय और मानवाधिकारों के विपरीत है, इजराइल सीधे तौर पर पत्रकारों को निशाना बना रहा है और उनकी हत्या कर रहा है।
आगे बताया गया कि नेटवर्क इजराइल द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को खारिज करता है और इजराइली सरकार के प्रयासों के बावजूद, नियमों और विनियमों के अनुसार अपनी पत्रकारिता जिम्मेदारियों को निभाना जारी रखेगा।
गौरतलब है कि अल जजीरा दुनिया के उन चंद मीडिया संगठनों में से एक है जो गाजा में सबसे भीषण युद्ध के दौरान वहां से दुनिया को इजरायल की क्रूरता की जानकारी दे रहा है, जहां हवाई हमले जारी हैं और अस्पतालों को निशाना बनाया जा रहा है और इजरायल ने फ़िलिस्तीनियों का नरसंहार जारी रखा है ।
प्रेस स्वतंत्रता संगठनों ने भी अल जजीरा को बंद करने के इजरायली कदम की कड़ी निंदा की है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स के उप महासचिव टिम डॉसन ने लंदन से अल जज़ीरा को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि यह बेहद निंदनीय और हास्यास्पद है। उन्होंने मीडिया संस्थानों को बंद करना, टीवी स्टेशनों का प्रसारण बंद करने को हड़पने वाली कार्रवाई बताया है।