उत्तराखंड सरकार का कहना है कि उसके राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने पतंजलि को एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है, जिसके तहत कानून के विपरीत विज्ञापनों के प्रकाशन पर जुर्माना, कारावास या दोनों सहित कड़ी अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि के 14 उत्पादों का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। यह आदेश इस महीने की शुरुआत में इन उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जारी किया गया है। इसकी जानकारी उत्तराखंड औषधि विभाग के लाइसेंस प्राधिकरण के एक आदेश में दी गई है।
औषधि एवं जादुई उपचार यानी आपत्तिजनक विज्ञापन अधिनियम और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के उल्लंघन को देखते हुए कंपनी के इन उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। इस फैसले से योग गुरु बाबा रामदेव को बड़ा झटका लगा है।
आयुर्वेदिक और यूनानी सेवाओं द्वारा दायर हलफनामे में राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण का कहना है कि उसने ड्रग्स और मैजिक रेमेडीज के बार-बार उल्लंघन के लिए दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए ड्रग इंस्पेक्टर, हरिद्वार को 12 अप्रैल को अनुमति दे दी है।
उत्तराखंड औषधि विभाग के लाइसेंस प्राधिकरण ने पतंजलि की दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस निलंबित कर दिए गए।#Ramdev #BabaRamdev #Uttarakhand #Patanjali #patanjalicase #PatanjaliScam #PatanjaliAyurved #BREAKING #webduniahttps://t.co/PbARyJnrlP pic.twitter.com/pe4i0aSP0b
— Webdunia Hindi (@WebduniaHindi) April 30, 2024
राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण यानी एसएलए ने 15 अप्रैल 2024 को दिव्य फार्मेसी और प्रतिवादी संख्या 5-पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में कहा गया था कि उनके 14 उत्पादों, जिनमे ‘स्वसारि गोल्ड’, ‘स्वसारि वटी, ब्रोंकोम’ के लिए विनिर्माण लाइसेंस ‘, ‘स्वसारि प्रवाही’, ‘स्वसारि अवलेह’, ‘मुक्तावती एक्स्ट्रा पावर’, ‘लिपिडोम’, ‘बीपी ग्रिट’, ‘मधुग्रिट’, ‘मधुनाशिनीवटी एक्स्ट्रा पावर’, ‘लिवमृत एडवांस’, ‘लिवोग्रिट’, ‘आईग्रिट गोल्ड’ और ‘पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप’ को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 के नियम 159(1) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है”।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज अधिनियम के उल्लंघन पर पतंजलि के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इसके तहत मधुमेह, हृदय रोग, उच्च या निम्न रक्तचाप के अलावा कई अन्य विशिष्ट बीमारियों और विकारों के इलाज के लिए कुछ उत्पादों के विज्ञापन पर रोक लगाई जाती है।