अमरीकी विश्वविद्यालयों में इजराइल के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गया है। न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में हजारों छात्र सड़कों पर उतर आए। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में यहूदी छात्र भी शामिल थे।
इन प्रदर्शनकारियों ने गाजा में निर्दोष फिलिस्तीनियों पर इजरायली बमबारी को रोकने की मांग की है। अमरीकी पुलिस ने विश्वविद्यालयों पर कार्रवाई की और बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। इन छात्रों के प्रवेश निलंबित कर दिए। लेकिन इस कार्रवाई ने विरोध को और बढ़ावा दिया है।
रॉयटर्स समाचार एजेंसी का कहना है कि संयुक्त राज्य अमरीका में बढ़ते विरोध प्रदर्शन, गाजा युद्ध में इज़राइल के संबंध में अमरीकी नीति पर नागरिकों के गहरे असंतोष और चिंता को दर्शाते हैं।
राष्ट्रपति जो बाइडेन फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के निशाने पर आ गए हैं और उन्होंने खुद को स्व-घोषित “ज़ायोनीवादी” साबित किया है।
Gaza protests grow at US colleges, thousands demonstrate in Brooklyn https://t.co/T98b31eA8R
— Gulf Today (@gulftoday) April 24, 2024
बीते दिन ब्रुकलिन स्ट्रीट में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ, जिस पर काबू पाने के लिए न्यूयॉर्क पुलिस ने कई छात्रों को गिरफ्तार कर लिया। इन लोगों ने यहाँ की सड़कों को अवरुद्ध करते हुए यातायात रोक दिया था।
विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन अब प्रदर्शनों से आगे बढ़कर धरना शिविरों तक पहुंच गया है, जिसमें विभिन्न पृष्ठभूमि के छात्र और शिक्षक शामिल हैं। जिसमें न सिर्फ मुस्लिम बल्कि यहूदी भी हिस्सा ले रहे हैं। इन धरनों में उनकी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिक्षण, पूजा और संगीत प्रदर्शन भी शामिल हैं।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले, येल, एमर्सन और मिशिगन विश्वविद्यालय सहित पूरे अमरीका के विश्वविद्यालयों में धरना और विरोध परिसर स्थापित किए गए हैं।
काउंसिल ऑन अमरीकन-इस्लामिक रिलेशंस ने असहमति को दबाने के लिए पुलिस बल के इस्तेमाल की आलोचना करते हुए कहा है कि यह अकादमिक स्वतंत्रता को कमजोर करता है।
एक ओर मानवाधिकार अधिवक्ताओं ने इन गिरफ्तारियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध बताया वहीं दूसरी ओर अमरीकी कांग्रेस के प्रमुख रिपब्लिकन सदस्यों सहित विरोध प्रदर्शन के आलोचकों का कहना है कि कुछ लोगों द्वारा यहूदी विरोधी भावना का प्रदर्शन किया जा रहा है।
गाजा युद्ध के मुद्दे ने संयुक्त राज्य अमरीका में एक तीव्र विभाजन पैदा कर दिया है, जिसे कोलंबिया की सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर देखा जा सकता है, जहां फिलिस्तीनियों और इजरायल समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच बहस और मारपीट भी हो रही है। इस कारण से, कांग्रेस के रिपब्लिकन सदस्यों ने जो बाइडेन से यहूदी छात्रों की सुरक्षा के लिए और अधिक प्रयास करने का आह्वान किया है।