लंदन: वैज्ञानिकों ने अस्थमा का एक नया कारण खोजा है जो इस घातक बीमारी को रोकने के अलावा उपचार में भी बहुत कारगर साबित हो सकेगा।
किंग्स कॉलेज लंदन की प्रोफेसर जूडी रोसेनब्लैट के मुताबिक़ यह खोज 10 साल से अधिक किये जाने वाले काम का परिणाम है।
अस्थमा के मरीज़ों के लिए वर्तमान में किया जाने वाला उपचार इस विचार पर आधारित हैं कि यह एक सूजन संबंधी बीमारी है। इस रोग का घातक लक्षण आक्रामकता है यानी वायुमार्ग में सिकुड़न हो जाती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।
चूहों पर किए गए एक शोध से पहली बार खुलासा हुआ है कि वायुमार्ग का सिकुड़ना रोग की कई विशेषताओं के लिए जिम्मेदार है, जैसे सूजन, बलगम स्राव और इंफेक्शन को रोकने वाली हवा की नलियों की रुकावटों के खराब होने का भी इस पर असर पड़ता है।
New discovery of cause for asthma sparks hope for treatments, scientists say https://t.co/DK6ixNeOMn
— breakingnews.ie (@breakingnewsie) April 4, 2024
शोध के नतीजे बताते हैं कि अस्थमा के दौरे के कारण बाधाओं में होने वाली खराबी, सूजन और बलगम आदि के कारण आमतौर पर उपकला कोशिकाओं नष्ट हो जाती है। ये कोशिकाएं शरीर की आंतरिक और बाहरी सतहों को कवर करती हैं।
उन्होंने कहा कि अस्थमा में रक्तवाहिकाओं की रुकावट से रक्तवाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है। इन बाधाओं के बिना, अस्थमा के रोगियों को संक्रमण होने का खतरा होता है जो पुरानी सूजन, घाव भरने और आगे के हमलों का कारण बनता है।
प्रोफेसर जूडी रोसेनब्लैट का कहना है कि अब बुनियादी व्यवस्था को समझने के बाद हम सभी घटनाओं से बचने के लिए बेहतर स्थिति में हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस शुरुआत के साथ ही आइंदा किये जाने वाले काम के आधार पर दमा के रोगियों के लिए काफी बेहतर परिणाम उपलब्ध हो सकेंगे।