सोमवार देर रात तक चलने वाली केंद्रीय मंत्रियों तथा किसान प्रतिनिधियों के मध्य होने वाली महत्वपूर्ण बैठक बिना किसी सहमति के समाप्त हुई। ऐसे में किसानों ने विरोध जारी रखते हुए 13 फरवरी को सुबह 10 बजे से दिल्ली की ओर कूच करने की बात कही है। इसके अलावा 16 फरवरी को किसानों ने भारत बंद का भी आह्वान किया है।
केंद्र सरकार के नेताओं के साथ दूसरे दौर की बातचीत का कोई नतीजा न निकलने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार अभी भी उनकी मांगों पर चर्चा के लिए तैयार है। किसान नेताओं के साथ चंडीगढ़ में दूसरे दौर की बातचीत में अर्जुन मुंडा के अलावा केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे।
किसान यूनियन नेताओं के साथ सोमवार देर रात दूसरे दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार अभी भी उनकी मांगों पर चर्चा के लिए तैयार है। #FarmerProtests https://t.co/Eea2snyL75
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बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने मीडिया को बताया कि किसानों से हर विषय पर गंभीर चर्चा हुई। उनका कहना है कि सरकार बातचीत के जरिए हर समाधान निकालना चाहती है। कुछ मुद्दों पर उन्होंने किसानों के साथ सहमति बनाने की भी बात कही मगर कुछ मुद्दे ऐसे थे, जिनके स्थायी समाधान के लिए सरकार की तरफ से एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा गया।
किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए प्रशासनिक तैयारियां ज़ोरों पर हैं। दिल्ली पुलिस की खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक़ किसानों के मार्च में करीब 20 हजार किसान 2500 ट्रैक्टर्स लेकर दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे। हरियाणा और पंजाब की कई सीमाओं पर प्रदर्शनकारी मौजूद हैं। यह प्रदर्शनकारी दिल्ली में दाखिल होने के लिए तैयार हैं।
किसानों के 'दिल्ली कूच' से पहले सुरक्षा कड़ी, राजधानी की कई अहम सड़कें बंद
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किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। पूरी दिल्ली में धारा 144 लागू है। ड्रोन से बॉर्डर की निगरानी की जा रही है।
देर रात चली बैठक पर टिपण्णी करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक जगजीत सिंह धालीवाल ने कहा- ”बैठक बहुत लंबी चली है। बहुत चर्चा हुई। एक-एक मांग पर चर्चा हुई। मैं स्पष्ट कर दूं कि ये मांगें नहीं थीं। ये अलग-अलग समय पर सरकार के हमसे किए वादे थे।”
आगे उनका कहना था कि सरकार सहमति बनाने की बजाय इसके ऊपर कमेटी बनाने की बात कर रही है। पहले भी एमएसपी की गारंटी देने की बात कही गई थी। इसके अलावा उन्होंने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने की बात भी कही है।
राजस्थान के किसान नेता रणजीत सिंह राजू ने कहा कि सरकार ने एक समिति बनाने की पेशकश की और हमें बातचीत में शामिल करने का वादा किया। यह चर्चा काफी समय से चल रही है। हमारे समर्थक कल सुबह 10 बजे दिल्ली की ओर बढ़ना शुरू कर देंगे।
किसान मज़दूर संघर्ष कमिटी के नेता सुखविंदर सिंह साभरा के मुताबिक़ पूरे उत्तर भारत, दक्षिण भारत, पश्चिम और पूर्वी भारत से 200 से ज़्यादा संगठन दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। आगे उन्होंने यह भी कहा कि जो आंदोलन अधूरा छोड़कर आए थे, उसको पूरा कराने के लिए दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे।
वही पियूष गोयल के साथ मौजूद मुंडा का कहना है कि वह किसी भी मुद्दे को चर्चा के माध्यम से हल करने के लिए तैयार हैं। उनके मुताबिक़ सरकार का मकसद है कि किसानों और जनता के अधिकारों की रक्षा की जाए।