ब्रिटिश चैरिटी ऑक्सफैम ने कहा है कि गाजा में इजरायली क्रूरता से प्रतिदिन होने वाली मौतों की संख्या 21वीं सदी में किसी भी अन्य बड़े संघर्ष को पीछे छोड़ चुकी हैं।
ऑक्सफैम ने अपने बयान में कहा कि इजरायली सेना रोजाना औसतन 250 फिलिस्तीनियों को मार रही है, जो हाल के वर्षों में किसी भी अन्य बड़े संघर्ष से अधिक है।
अल जज़ीरा के मुताबिक़ मानवाधिकार समूह का कहना है कि गाजा में होने वाले नरसंहार का हाल के इतिहास में उदहारण नहीं मिलता। यहाँ इज़राइल ने तीन महीने से अधिक समय से सीमा बंद कर रखी है, जिससे जीवित बचे लोग भूखे मर रहे हैं। ये लोग बीमारी और ठंड के साथ-साथ इजरायली बमबारी का निशाना बनने को मजबूर हैं।
दक्षिण अफ्रीका ने इसे फिलिस्तीनियों का नरसंहार बताते हुए इजराइल के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में आवेदन किया है। इस सुनवाई के दौरान वकीलों ने सभी सबूत पेश किये।
ऑक्सफैम ने अपने बयान में कहा कि इजरायली सेना रोजाना औसतन 250 फिलिस्तीनियों को मार रही है, जो हाल के वर्षों में किसी भी अन्य बड़े संघर्ष से अधिक है।
Gaza daily deaths exceed all other major conflicts in 21st century: Oxfam https://t.co/joZNcwkIYE
— Al Jazeera English (@AJEnglish) January 12, 2024
मानवाधिकार संगठन ने अन्य संघर्षों से तुलना करते हुए बताया है कि 21वीं सदी के प्रमुख संघर्षों में सबसे अधिक दैनिक मौतें सीरिया में 96.5, सूडान में 51.6, इराक में 50.8, यूक्रेन में 43.9, अफगानिस्तान में 23.8 और यमन में 15.8 दर्ज की गईं।
बयान में कहा गया है कि इज़राइल ने गाजा को सहायता भेजने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे समस्या बढ़ रही है क्योंकि केवल 10 प्रतिशत खाद्य सहायता साप्ताहिक वितरित की जा रही है, जो बमबारी और ऑपरेशन से बचे लोगों के लिए है। यह गंभीर खतरों का कारण है।
उधर, अमरीकी संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच ने वर्ल्ड रिपोर्ट 2024 जारी की है, जिसमें कहा गया है कि पिछले साल गाजा में हुई बमबारी, ऑपरेशन, दुर्व्यवहार और हत्याएं इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष के इतिहास में मिसाल नहीं मिलती है।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 7 अक्टूबर से शुरू हुए इजरायली ऑपरेशन में अब तक 23 हजार 469 फिलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं और 59 हजार 604 घायल हुए हैं।
मंत्रालय ने कहा कि हाल ही में इज़राइल ने 24 घंटे की अवधि में 10 ऑपरेशन किए, जिसके परिणामस्वरूप 112 मौतें हुईं और 194 घायल हो गए और 7,000 लोग मलबे के नीचे दब गए, जिनके बारे में माना जाता है कि अब वे जीवित नहीं रहे।