वैज्ञानिकों की एक टीम ने अपने नए शोध में चीन में ऊंचाई वाले बादलों में माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी की जानकारी दी है।
ये प्लास्टिक के कण बेहद छोटे कहे जा सकते हैं, लेकिन इनकी मुनासिब मात्रा अत्यधिक प्रभाव पैदा कर सकती है।
वैज्ञानिकों की एक टीम ने विश्व धरोहर स्थल माउंट ताई के ऊपर बादलों में इन माइक्रोप्लास्टिक कणों की खोज की है और सुझाव दिया है कि माइक्रोप्लास्टिक दुनिया की जलवायु को प्रभावित कर सकता है।
वैज्ञानिकों को चिंता है कि बादलों में मौजूद ये कण बादल बनने की प्रक्रिया में मदद करते हैं और उन्हें औद्योगिक प्रदूषण से निकलने वाली धातुओं को बनाए रखने में सक्षम बनाते हैं।
माइक्रोप्लास्टिक्स प्लास्टिक के कण हैं जो पांच मिलीमीटर से छोटे होते हैं, लेकिन अध्ययन में अधिकांश कण (लगभग 60 प्रतिशत) 100 माइक्रोमीटर से छोटे थे। एक मिलीमीटर में 1000 माइक्रोमीटर होते हैं। हालाँकि बातचीत में ये बेहद छोटे कहे जा सकते हैं, लेकिन इनकी मुनासिब मात्रा अत्यधिक प्रभाव पैदा कर सकती है।
Microplastics found in clouds may be affecting the weather: A team of researchers led by Yan Wang has discovered microplastics in cloud samples from Mount Tai in eastern China https://t.co/pqbpY8jzhl
— Earth.com (@EarthDotCom) November 15, 2023
शोधकर्ताओं की टीम ने पहाड़ के उच्चतम बिंदु जो समुद्र तल से लगभग 1.5 किमी ऊपर था, से बादल के पानी के नमूने एकत्र किए। बादलों की रासायनिक संरचना निर्धारित करने के लिए स्पेक्ट्रोमीटर के साथ माइक्रोस्कोप के माध्यम से इनकी जांच की गई।
बादलों से लिए गए 28 में से 24 नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक के कण पाए गए और समुद्र तल के करीब पहुंचने पर इनकी मात्रा में वृद्धि देखी गई साथ ही इन स्थानों पर बादल भी सघन पाए गए।
इस सम्बन्ध में वैज्ञानिकों का कहना है कि सूरज की रोशनी और अन्य मौसम संबंधी कारक माइक्रोप्लास्टिक को और भी छोटे कणों में तोड़ सकते हैं। इसलिए संभव है कि ये ‘नैनोप्लास्टिक’ कण उनकी आंखों में न आए हों।