झारखंड। राज्य के पाकुड़ जिला स्थित पहाड़िया आदिवासियों के गांव सिंहली बोना के किसान इन दिनों सब्जी की खेती कर रहे हैं। वह सब्जियों की खेती के जरिये आत्मनिर्भर हो रहे हैं। इससे पहले गांव के ज्यादातर किसान परिवार पलायन को मजबूर थे। ये किसान बंगाल, पंजाब-हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में जाकर खेती और ईंट भट्ठों में मजदूरी करने को मजबूर थे।
सब्जी की खेती शुरू करने के बाद इस गांव के हालात बदल चुके हैं। गांव के लोग अब अपने खेत को ही रोजगार का मुख्य जरिया बना चुके हैं। प्रगतिशील किसानों में शामिल हो चुके यहां के निवासी बताते हैं कि पहले गांव के ज्यादातर लोग बंगाल के ईंट भट्ठों में काम के लिए पलायन कर जाते थे। एक स्वयंसेवी संस्था ने सब्जी की खेती में इनका सहयोग किया। लोग अब गांव में ही अपने खेतों पर खेती कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं। इन किसानों के जीवन स्तर में पानी की कमी के बावजूद वैज्ञानिक खेती से परिवर्तन आया है। इनके बच्चे स्कूलों में शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इनको देखकर और इनसे प्रेरित होकर आसपास के गांवों में भी किसानों का सब्जी की खेती के प्रति आकर्षण बढ़ गया है।