‘जामुन’ दिखने में जितना छोटा इसके फायदे उतने ही बढ़चढ़ कर हैं। यह पौष्टिक फल न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद है बल्कि इसके बीज भी डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत उपयोगी होते हैं।
हालाँकि जामुन फलों के राजा आम के सीज़न में आता है मगर अपनी खूबियों से कई बीमारियों में बाज़ी मार लेता है। जामुन में कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, सोडियम, विटामिन सी, विटामिन बी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फास्फोरस, फोलिक एसिड और पानी जैसे अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो मानव शरीर के लिए बहुत आवश्यक हैं। इतना ही नहीं बल्कि इसके कई अन्य चिकित्सीय लाभ भी हैं।
पेट के लिए उपयोगी
जामुन मानव शरीर में ब्लड प्रेशर के स्तर को सामान्य रखने और शर्करा को नियंत्रित करने की खूबी रखता है और यह आंतों की जलन, इनडाइजेशन आदि परेशानियों में फ़ायदा पहुंचता है। यह वजन घटाने में भी सहायता करता है।
खून में वृद्धि
विटामिन सी और आयरन से भरपूर जामुन का सेवन करने से हीमोग्लोबिन का स्तर बेहतर होता है। हीमोग्लोबिन का रक्त में ऑक्सीजन से नाता होता है, जिससे रक्त का रंग लाल हो जाता है, फिर इसे शरीर के सभी हिस्सों तक पहुंचने में मदद मिलती है, जिससे त्वचा साफ और ताजा दिखती है। इसके अलावा शरीर में आयरन की कमी को दूर करने के लिए भी जामुन का सेवन करना जरूरी है।
दांतों और मसूड़ों को मजबूत बनाना
जामुन की पत्तियां और इसकी छाल मसूड़ों की समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है और इसमें एंटीबायोटिक गुण भी होते हैं।
जामुन का शरबत पीने से या इसके रस को दांतों पर लगाने से दांतों से जुड़ी कई समस्याएं दूर हो जाती हैं।
गंजापन दूर करें
यदि जामुन को पीसकर उसका पेस्ट बना लिया जाए और सिर के उस हिस्से पर जहां गंजापन हो, लगाया जाए तो कुछ समय तक यह प्रक्रिया जारी रखने से गंजापन दूर हो जाता है।
त्वचा की खूबसूरती बढ़ाएं
जामुन में मौजूद विटामिन सी त्वचा के लिए अच्छा होता है और इसके सेवन से त्वचा में चमक आती है वहीं जामुन में कसैले गुण भी होते हैं जो विभिन्न त्वचा रोगों को ठीक करते हैं।
चेहरे पर मुंहासों के लिए रोजाना रात को एक या दो दाने जामुन को थोड़े से दूध में मिलाकर लगाने से मुंहासों से छुटकारा मिल जाएगा।
अगर चेहरे पर दाग-धब्बे हैं तो इनसे छुटकारा पाने के लिए जामुन की गुलाल पाउडर, नींबू का रस, बेसन, बादाम का तेल और गुलाब जल की कुछ बूंदें मिलाकर चेहरे पर लगाएं और सूखने पर धो लें।
फेफड़ों के रोगों का उपचार
जामुन के सेवन से सांस और फेफड़ों की समस्या भी कम हो जाती है। यह फेफड़ों की विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक के रूप में काम करता है। इसके एंटीबायोटिक गुण इसे सामान्य सर्दी और खांसी के लिए बेहद उपयोगी बनाते हैं और यह अस्थमा और ब्रोंकाइटिस से भी राहत दिलाता है।
ध्यान रखें कि जामुन के इतने सारे फायदों के बावजूद इसका अधिक सेवन कब्ज का कारण बनता है, इसलिए इसे हमेशा कम मात्रा में ही खाएं।
कई खूबियों वाले जामुन से वैसे तो सेहत के कई लाभ जुड़े हैं लेकिन इसके सेवन को नियंत्रित रखे और एक बार अपनी शारीरिक जाँच के साथ अपने डाइटीशियन से ज़रूर समपर्क करें।