वाशिंगटन: क्रांतिकारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैट जीपीटी प्रोग्राम के निर्माता सैम अल्टमैन मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस के सामने पेश। इस पेशी में उन्होंने ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए कानून और सीमाओं’ विभिन्न अवामी प्रतिनिधयों को जवाब दिए इस सम्बन्ध में कानून बनाने तथा दृढ़ संकल्प की सलाह दी।
पिछले साल कांग्रेस के नेताओं के सवालों के जवाब में, सैम अल्टमैन ने कहा- “तेजी से ताक़तवर होती हुई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चिंताओं और जोखिमों को ध्यान में रखते हुए उचित कार्रवाई की ज़रूरत है।” आगे उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों के शासक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
सैम ऑल्टमैन ने यह भी स्वीकार किया कि ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जनमत, मतदान और चुनाव को प्रभावित कर सकती है’।
ओपन एआई कंपनी के सीईओ ने भी नियमन और कानून के बाद ही एआई को लाइसेंस देने का सुझाव दिया। सैम ने कंपनियों से कानूनी और नैतिक सीमाओं का सख्ती से पालन करने का भी आग्रह किया। इस संबंध में चैट जीपीटी जैसे सॉफ्टवेयर को लेकर कई सवाल उठे थे। उन्होंने बच्चों में नकल और छापा मारने की प्रवृत्ति, फर्जी खबरों के प्रसार, सार्वजनिक गलत सूचना, नौकरियों के नुकसान और कॉपीराइट अधिकारों के उल्लंघन सहित कई चिंताएं भी प्रस्तुत कीं। एक्सपर्ट के मुताबिक़ अमरीका इस मामले में सुस्ती दिखा रहा है जबकि यूरोप में इस संबंध में सरगर्मियां बढ़ा दी हैं।
इटली ने चैट जीपीटी पर लगाया बैन, प्राइवेसी के ख़तरे की कही बात – https://t.co/Qc8KuHAdhd pic.twitter.com/oREs42V5IN
— BBC News Hindi (@BBCHindi) March 31, 2023
सीनेट समिति की सुनवाई में, सैम को सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल ने अपनी आवाज में सीनेट में एक नकली बातचीतभी सुनाई, जो सीनेट में उनकी बहस पर आधारित थी। तब रिचर्ड ने कहा कि एआई को इस तरह मुक्त वातावरण में नहीं छोड़ा जा सकता।
सैम ऑल्टमैन ने यह भी स्वीकार किया कि ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जनमत, मतदान और चुनाव को प्रभावित कर सकती है’।