वेल्स: एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह पता लगाने की कोशिश की है कि लोग जोकरों से क्यों डरते हैं, जिनका मक़सद लोगों को हंसाकर उन्हें ख़ुशी के कुछ पल देना होता है।
शोध के परिणामों से पता चला कि अध्ययन में भाग लेने वाले आधे से अधिक लोग किसी न किसी स्तर पर कोलोरोफोबिया से पीड़ित थे।
मसखरों का डर जिसे क्लोरोफोबिया के रूप में जाना जाता है, दुनिया भर के वयस्कों और बच्चों में व्यापक रूप से पाया जाता है। फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी में हाल ही में प्रकाशित एक नए अध्ययन में साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 64 देशों के लगभग 1,000 लोगों के एक अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण से डेटा का विश्लेषण किया।
शोध के परिणामों से पता चला कि अध्ययन में भाग लेने वाले आधे से अधिक लोग किसी न किसी स्तर पर कोलोरोफोबिया से पीड़ित थे। लगभग 5 प्रतिशत ने कहा कि वे जोकरों से बहुत डरते हैं।
शोध के अनुसार मेकअप के कारण चेहरे की अधिक डिजाइन किया जाना और इनके पीछे छिपी हुई भावनाएं लोगों में डर का मुख्य कारण हैं। एक और कारण जो सामने आया वह नाटकों और फिल्मों में जोकरों का नकारात्मक चित्रण है।
सर्वेक्षण प्रतिभागियों द्वारा उद्धृत एक अन्य कारण इन मसखरों का कथित अप्रत्याशित व्यवहार था।
शोधकर्ताओं ने नोट किया कि कम लोगों ने मसखरों के साथ व्यक्तिगत डरावने अनुभवों की सूचना दी।