केरल में उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने राज्य में 18 वर्ष से अधिक आयु की छात्राओं को 60 दिनों का मातृत्व अवकाश देने की घोषणा की है।
महिला छात्रों को मासिक धर्म लाभ के अनुरोध पर प्रत्येक सेमेस्टर में सीयूएसएटी ने महिला छात्रों की उपस्थिति में कमी के अतिरिक्त 2 प्रतिशत की छूट देने की घोषणा की थी। उन्हें प्रत्येक सेमेस्टर परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी, ये कुल कार्य दिवसों में 75 प्रतिशत उपस्थिति होगी।
आदेश के अनुसार 18 वर्ष से अधिक आयु की छात्राओं को अधिकतम 60 दिनों का मातृत्व अवकाश मिल सकता है। महिला छात्रों के लिए आवश्यक उपस्थिति प्रतिशत मासिक धर्म अवकाश सहित 73 फीसदी कर दी गई है। पहले ये 75 प्रतिशत थी।
इससे पूर्व सीयूएसएटी ने 14 जनवरी को अपनी छात्राओं को मासिक धर्म की छुट्टी देने की घोषणा की थी। इस सम्बन्ध में उन्होंने आश्वासन दिया था कि सरकार कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (सीयूएसएटी) द्वारा हाल ही में घोषित सभी राज्यों के विश्वविद्यालयों में मासिक धर्म की छुट्टी देने पर विचार कर रही है।
केरल के उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने 18 साल से ऊपर की महिलाओं के लिए 60 दिनों के मातृत्व अवकाश की घोषणा की हैछात्रओं के लिए आवश्यक उपस्थिति प्रतिशत मासिक धर्म अवकाश सहित 72 प्रतिशत होगा। @CMOKerala @KeralaGovernor #education #maternityleave @janbhawana pic.twitter.com/hZnq1V5X6Q
— Janbhawna Times (@JanbhawnaTimes) January 20, 2023
एसएफआई के नेतृत्व वाले छात्र संघ की मांग के आधार पर सीयूएसएटी में मासिक धर्म की छुट्टी लागू की गई थी। कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मासिक धर्म के दौरान छात्राओं को होने वाली मानसिक और शारीरिक परेशानियों को ध्यान में रखते हुए केरल सरकार इसे राज्य उच्च शिक्षा विभाग के तहत सभी विश्वविद्यालयों में विस्तारित करने की योजना बना रही है।
विश्वविद्यालय ने जानकारी दी है कि कुलपति को औपचारिक रूप से प्रस्तुत किये गए सीयूएसएटी छात्र संघ और विभिन्न छात्र संगठनों के एक प्रस्ताव को हाल ही में मंजूरी दे दी गई थी। जिसके बाद एक आदेश जारी किया गया था।