भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने 9 दिसंबर को हाइपरसोनिक व्हीकल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। ये ज्वाइंट परिक्षण मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ के साथ किया गया। इस सफल परीक्ष के साथ ही देश की रक्षा ताकत पहले से ज्यादा मजबूत हो जाएगी। हाइपरसोनिक वर्तमान समय की सबसे लेटेस्ट तकनीक है।
हाइपरसोनिक व्हीकल ने इस परीक्षण के दौरान हाई क्वालिटी का प्रदर्शन किया और सभी जरूरी पैरामीटर भी हासिल किये। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस परिक्षण को चीन और पाकिस्तान के परिपेक्ष्य में एक मजबूत सुरक्षा के रूप में देखा जा रहा है।
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— ETVBharat Delhi (@ETVBharatDelhi) December 9, 2022
आधुनिक तकनीक वाला हाइपरसोनिक व्हीकल हवाई जहाज, अंतरिक्ष यान अथवा मिसाइल तीनों ही रूपों में हो सकता है। लंबी दूरी पर सैन्य प्रतिक्रिया और वाणिज्यिक हवाई यात्रा में सक्षम यह हाइपरसोनिक व्हीकल अंतरिक्ष में तेजी से पहुंचने की खूबी रखता है।
भारत जल्दी ही एक स्वदेशी और दोहरी सक्षम हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित करने का प्रयास कर रहा है।
इस हाइपरसोनिक व्हीकल के सफलता पूर्वक परीक्षण के साथ ही भारत एक ऐसे हथियार से लैस हो गया है जो दुश्मन को जवाब देने के लिए तत्पर है। हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से भारत जल्दी ही एक स्वदेशी और दोहरी सक्षम हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित करने के प्रयासों में है।
अमेरिका सहित चीन कई देश इस समय हाइपरसोनिक हथियारों के प्रति पूरी तरह सजग होकर इसका विस्तार कर रहे हैं। इस क्षेत्र में लगातार नए प्रयोग करते हुए भारत पिछले कई वर्षों से हाइपरसोनिक तकनीक पर काम कर रहा है। रूस ने इस वर्ष यूक्रेन के खिलाफ हाइपरसोनिक मिसाइल किंजल का इस्तेमाल किया था।