संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। इस सत्र में छोटे सुधारों को फोकस करने के साथ बड़े आर्थिक सुधारों को टालने का फैसला किया गया है। जबकि इस अवसर पर विपक्ष की भूमिका निभाते हुए कांग्रेस ने इस सत्र के विरोध का फैसला किया है।
आज से शुरू होने वाले शीत सत्र में सरकार 16 विधेयकों को संसद की मंजूरी दिलाने की तैयारी में है। इसमें अंतरराज्यीय सहकारी समिति संशोधन, ट्रेड मार्क संशोधन सहित मध्यस्थता संशोधन और राष्ट्रीय दंत आयोग बिल आदि शामिल हैं। सरकार के बड़े मामलों को दरकिनार करने की पालिसी के तहत इस सत्र में बैंकिंग तथा इंश्योरेंस संशोधन और डाटा सुरक्षा बिल पेश किए जाने की के आसार नहीं दिख रहे हैं।
संसद का शीत सत्र आज से शुरू, बहस को तैयार विपक्ष, 16 नए बिल पेश करने की तैयारी में सरकार…#WinterSession #Parliament https://t.co/oFHpcgwkXU
— Prabhat Khabar (@prabhatkhabar) December 7, 2022
दिल्ली में मंगलवार को इस शीत सत्र के सुचारू संचालन के लिए एक सर्वदलीय बैठक का आयोजान किया गया। बैठक में सभी बड़े दलों के नेताओं ने भागीदारी की। इस बैठक में सत्र के एजेंडे और उन मुद्दों पर बात की गई जो शीत सत्र में उठाए जाएंगे।
कांग्रेस ने इस सत्र के दौरान जिन मुद्दों पर विरोध करने का फैसला किया है। सरकार विपक्ष के हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।
इस शीत सत्र में सरकार जिन 16 विधेयकों को प्रस्तुत करते हुए पारित कराना चाहती है उनमें राष्ट्रीय दंत आयोग बिल, नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कमीशन बिल, छावनियों के प्रशासन से जुड़ा कैंटोनमेंट बिल, वन संरक्षण और जैव विविधता बिल प्रमुख हैं।
कांग्रेस ने इस सत्र के दौरान जिन मुद्दों पर विरोध करने का फैसला किया है उनमें से बायोडायवर्सिटी संशोधन बिल, 2021, अंतरराज्यीय सहकारी समिति संशोधन बिल और वन संरक्षण संशोधन बिल शामिल हैं। इसके अलावा विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी तथा चीन-भारत तनाव जैसे मुद्दे भी उठाएगा। इससे पूर्व शीत सत्र से पहले एजेंडा निर्धारित करने के लिए केंद्र सरकार की पहल पर मंगलवार को दिल्ली में आयोजित सर्वदलीय बैठक में 30 से अधिक पार्टियों के नेता शामिल हुए। इस अवसर पर बीजू जनता दल ने शीत सत्र में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने वाले बिल को पारित कराने की मांग की है। सरकार विपक्ष के हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।