वैज्ञानिकों ने रूसी चमगादड़ों में SARS-CoV-2 के समान एक नए वायरस की खोज की है, जिसपर सभी मौजूद कोरोना टीके अप्रभावी हैं।अमेरिकी शोधकर्ताओं का कहना है कि रूसी चमगादड़ों में पाए जाने वाले प्रोटीन की पहचान ‘खोस्ता-2’ (Khosta-2) के रूप में की गई है, जो मानव कोशिकाओं में अवशोषित होकर इंसानों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है।
वायरोलॉजिस्ट का कहना है कि सभी मौजूदा कोरोनावायरस टीके खोस्ता -2 (Khosta-2) पर अप्रभावी हैं, इसे देखते हुए एक ऐसे टीके के विकास की बात की जा रही है जिसका उपयोग सभी जानवरों में पाए जाने वाले विभिन्न वायरस के खिलाफ किया जा सके।
शोधकर्ताओं का कहना है कि हाल के शोध से पता चलता है कि एशिया के बाहर वन्यजीवों में बड़ी संख्या में सुरबेकोवायरस की खोज की जा रही है, जो वैश्विक स्वास्थ्य और कोरोनावायरस के मद्देनजर चल रहे टीकाकरण अभियान के लिए खतरा है।
वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी की एक टीम के अनुसार खोस्ता-2 प्रोटीन को बढ़ाकर मानव कोशिकाओं को प्रभावित करता है।
वायरोलॉजिस्ट्स का कहना है कि नए खोजे गए रूसी वायरस की खोज भले ही दुनिया के दूसरे हिस्से में हुई हो, लेकिन चूंकि यह कोरोना वायरस जैसा नहीं दिखता था, इसलिए किसी की नजर इस पर नहीं पड़ती।
विशेषज्ञों के अनुसार 2020 के दौरान रूसी चमगादड़ों में खोस्ता 1 और खोस्ता 2 की खोज की गई थी। हालांकि प्रारंभिक अध्ययनों से पता चला है कि वे मानव स्वास्थ्य के लिए उतने खतरनाक नहीं हैं। बाद में एक अध्ययन से पता चला कि खोस्ता 2 पर सभी मौजूदा कोरोनावायरस टीके अप्रभावी हैं।
वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी की एक टीम के अनुसार खोस्ता-2 प्रोटीन को बढ़ाकर मानव कोशिकाओं को प्रभावित करता है। इसके अलावा ओमनीकोरोना से संक्रमित व्यक्ति के शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी की मौजूदगी के बावजूद ये एंटीबॉडी खोस्त-2 वायरस के खिलाफ कारगर साबित नहीं हुए।