कानून के तहत अविवाहित तथा एकल महिलाओं को गर्भावस्था के 24 सप्ताह के भीतर गर्भपात का अधिकार है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि किसी भी महिला की वैवाहिक स्थिति को उसे अनचाहे गर्भ गिराने के अधिकार से वंचित करने का आधार नहीं बनाया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट का इस बाबत कहना है कि किसी भी महिला की वैवाहिक स्थिति उसके अनचाहे गर्भ गिराने के अधिकार से वंचित करने का आधार नहीं हो सकती है। इस कानून के अंतर्गत एकल और अविवाहित महिलाओं को भी गर्भावस्था के 24 सप्ताह में गर्भपात कराने का अधिकार है।
Supreme Court : विवाहित व अविवाहित सभी महिलाओं को गर्भपात का अधिकार, 24 हफ्ते में गर्भपात वैध#SupremeCourt #AbortionRightshttps://t.co/veYHdPQsGn
— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) September 29, 2022
सुप्रीम कोर्ट द्वारा देश की सभी महिलाओं को आज गर्भपात का अधिकार दे दिया। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी यानी (MTP) के अंतर्गत इन महिलाओं पर विवाहित या अविवाहित होने जैसी कोई पाबन्दी नहीं है। कोर्ट द्वारा दिए गए इस ऐतिहासिक फैसले में 24 सप्ताह के अंदर गर्भपात का अधिकार सभी महिलाओं को है, जिसमे महिला के विवाहित या अविवाहित होने से फर्क नहीं पड़ता।