ऑस्ट्रेलिया: माइक्रोसॉफ्ट ने आखिरकार वेब ब्राउज़र इंटरनेट एक्सप्लोरर को 27 साल बाद अलविदा कह दिया है। एक्सप्लोरर यूज़र अपने एज ब्राउज़र के नवीनतम संस्करण में पुनर्निर्देशित करेगा।
15 जून तक माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज 10 के कई संस्करणों पर एक्सप्लोरर को लेकर सहयोग समाप्त कर दिया। फिलहाल एक्सप्लोरर एक काम करने वाला ब्राउज़र बना रहेगा, लेकिन नए खतरों के सामने आने पर इसे उनसे सुरक्षित नहीं किया जा सकेगा।
माइक्रोसॉफ्ट ने स्वयं इस बात को स्वीकार किया है कि एक्सप्लोरर आज भी 25 साल पुरानी तकनीक पर आधारित है। यह एक विरासती ब्राउज़र है जो वास्तुकला की दृष्टि से पुराना है और आधुनिक वेब की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में असमर्थ है। ऐसे में यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट फॉर होमलैंड सिक्योरिटी ने यूज़र को एक्सप्लोरर का उपयोग न करने की सलाह दी है।
1995 में माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन द्वारा एक्सप्लोरर को पहली बार पेश किया गया। इसे विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ जोड़ा गया। वेब के जनक टिम बर्नर्स-ली ने 1993 में पहला सार्वजनिक वेब ब्राउज़र जारी किया था जिसे वर्ल्डवाइडवेब कहा गया।
बीतते समय के साथ अन्य ब्राउज़र सामने आये और 2002 तक फ़ायरफ़ॉक्स लॉन्च होने तक, एक्सप्लोरर लाखों लोगों के लिए डिफ़ॉल्ट विकल्प बना रहा।
माइक्रोसॉफ्ट ने एक्सप्लोरर द्वारा 11 एडिशन सामने आने के बावजूद एक्सप्लोरर की कमियों के चलते उपभोक्ताओं का विश्वास कम होता गया। इसमें खराब डिज़ाइन और कम रफ़्तार की शिकायत बढ़ती गई। सुरक्षा मामले में भी एक्सप्लोरर में खासी कमजोरियां नजर आई जिसका साइबर क्राइम में खूब प्रयोग हुआ। इस बीच माइक्रासाफ्ट ने ब्राउज़र के संस्करणों में कई कमियों में सुधार किया, फिर भी इसके मूल स्वरूप को सुरक्षा विशेषज्ञों द्वारा असुरक्षित माना जाता है।