लखनऊ 22 सितंबर : कांग्रेस ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मृत्यु की जांच सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की डिवीज़न बेंच की निगरानी में सीबीआई से कराने की माँग की है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सयुंक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि खुद को योगी कहने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में अब तक 21 संतों की हत्या या संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। उत्तर प्रदेश हत्या व जघन्यतम अपराधों का प्रदेश बन चुका है। एनसीआरबी के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं।
श्री तिवारी ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत संत समाज के लिये ही नही देश के लिये भी दुःखद है। इस घटना के तथ्यों को छुपाने का अपराध किसी कीमत में स्वीकार्य नही किया जाएगा। उंन्होने सवाल उठाया कि बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट आये पुलिस ने इसे आत्महत्या क्यों, कैसे और किसके दबाव में करार दिया। कांग्रेस की चिंता है कि किसी और साधु सन्यासी की हत्या न हो। योगी राज में धर्माचार्य भी सुरक्षित नही रह गये हैं।
उंन्होने कहा कि वायरल हो रहे एक वीडियो को भी जांच का हिस्सा बनाया जाए। महंत जी से घटना के एक दिन पूर्व मिलने वाले उपमुख्यमंत्री से क्या बात हुई यह भी जांच का विषय होना चाहिए। अगर उन्होंने आत्महत्या की तो फिर ऐसी क्या विवशता थी।
श्री तिवारी ने कहा कि मठ की हजारों करोड़ की सम्पत्ति पर कौन लोग गिद्ध दृष्टि लगाए थे बैठे थे, यह पता लगना चाहिए। एक अधिकारी और दो नेताओ के नाम भी घटना में आ रहे हैं। उंन्होने कहा कि महंत की संदिग्ध मौत के पूर्व योगी शासन में 20 साधु संतों या मंदिरों के पुजारियों की हत्या भी हुई है, सभ्य समाज आक्रोशित है ,इसलिये इस घटना की निष्पक्षता से सीबीआई जाँच उच्चतम या उच्च न्यायालय की डिविजनल बेंच की निगरानी में कराने से ही दूध का दूध पानी का पानी सामने आ सकेगा।
श्री लल्लू ने कहा कि योगी राज दुशासन राज में तब्दील हो गया है, यहां वाई श्रेणी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति भी सुरक्षित नही रह गये। जिस तरह यह दुःखद घटना हुई है उससे देश मर्माहत है।