नयी दिल्ली 22 दिसंबर : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के उद्देश्य से चिकित्सकों से ऑनलाइन सलाह मशिवरा का प्रचलन इतना बढ़ा कि इसमें तीन गुना बढोतरी रिकॉर्ड हुई। इस प्रकार टेलीमेडिसिन की भी लोकप्रियता बढ़ गयी है।
डॉक्टरों से मिलकर सलाह मशविरा लेने वाले मरीजों की संख्या इस बीच 32 फीसदी तक कम हुई है। टेलीमेडिसिन सोसायटी ऑफ इंडिया और ऑनलाइन चिकित्सक सेवा एवं दवायें उपलब्ध कराने वाली कंपनी प्रैक्टो द्वारा राइज़ ऑफ टेलीमेडिसिन-2020 नाम से जारी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि विभिन्न रोगों के अलग-अलग विशेषज्ञों, जैसे न्यूरो सर्जन, सोमनोलॉजिस्ट (निद्रा रोग विशेषज्ञ), कार्डियोलॉजिस्ट (ह्रदय रोग विशेषज्ञों) और ओन्कोलॉजिस्ट (कैंसर रोग विशेषज्ञों के पास जाने वाले मरीजों की संख्या में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी हुई है।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि डॉक्टरों से अपने रोग के संबंध में ऑनलाइन सलाह-मशविरा लेने वाले लोगों की संख्या में तिगुनी बढ़ोतरी हुई है। जनरल फिजिशियन से 26 फीसदी लोगों ने अपनी बीमारी के संबंध में सलाह ली। इसके बाद त्वचा के उपचार के लिए 20 फीसदी लोगों ने त्वचा रोग विशेषज्ञों से संपर्क किया। 16 फीसदी लोगों ने महिल रोग विशेषज्ञों से ऑनलाइन संपर्क किया। इसके बाद गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी, ईएनटी और बच्चों की बीमारियों के लिए बाल रोग विषेषज्ञों से 7-7 फीसदी लोगों ने डिजिटल रूप से सलाह ली।
ये भी देखने में आया कि जिस क्षेत्र में स्वास्थ्य चिंताएं सबसे तेजी से उभरीं, उसमें आंख संबंधी गड़बड़ी (ऑफ्थैल्मोलॉजी), आंख, नाक और गले के रोग (ईएनटी), हड्डी रोग, पीडियाट्रिक्स और पेट के रोग (गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी) शामिल थे। दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में आंख, नाक और गले के रोग विशेषज्ञों से पूछे जाने वाले मरीजों के सवालों में औसत रूप से 16 गुना बढ़ोतरी हुई।
पिछले साल इसी अवधि की तुलना में इस साल देश के नॉन मेट्रो शहरों में डॉक्टरों से ऑनलाइन सलाह-मशविरा करने वाले मरीजों की संख्या में सबसे ज्यादा 7 गुना बढ़ोतरी हुई। पिछले साल इसी अवधि में मेट्रो और नॉन मेट्रो शहरों में डॉक्टरो से ऑनलाइन सलाह-मशविरा करने वाले मरीजों का अनुपात 75 और 25 था। इस वर्ष यह अनुपात 60और40 रहा। इससे पता चलता है कि नॉन मेट्रो शहरों में डॉक्टरों से ऑनलाइन मशविरा करने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
देश के छोटे कई शहरों जैसे मंजेरी, आरा, बालासोर, एटा, उरई, खोपोली, जगतियाल और शिवपुरी में इस अवधि में टेलीमेडिसिन का पहली बार प्रयोग किया गया। मेरठ, जम्मू, श्रीनगर, नेल्लोर, कोच्चि, गोरखपुर, काकीनाड़ा, तिरुपति, भागलपुर, गया और शिमोगा में 10 गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई। रिपोर्ट के अनुसार मेट्रो शहरों में चेन्नई में पिछले वर्ष की तुलना में डॉक्टरों से ऑनलाइन सलाह-मशविरा करने वालों में 4 गुना बढ़ोतरी हुई। पिछले वर्ष की तुलना में बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पुणे, हैदराबाद और कोलकाता में डॉक्टरों से ऑनलाइन मशविरा लेने वाले मरीजों की संख्या में 300 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई। अब ज्यादा से ज्यादा बुजुर्ग लोग इस तकनीक का प्रयोग करने के अभ्यस्त हो गए हैं। इस संकट के दौरान 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के डॉक्टरों से ऑनलाइन सलाह-मशविरा करने में 502 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जिन्होंने सभी तरह के ऑनलाइन कंसल्टेशन में 12 फीसदी का योगदान दिया इसकी तुलना में यह पिछले वर्ष सिर्फ 5 फीसदी था।
डॉक्टरों से ऑनलाइन सलाह-मशविरा करने में मंगलवार, बुधवार, शनिवार और रविवार का दिन लोगों का पसंदीदा रहा, जबकि शनिवार, रविवार और सोमवार को मरीजों ने डॉक्टरों से अपॉइंटमेंट लेकर मिलने में ज्यादा प्राथमिकता दी। इसमें कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के फैलते प्रकोप में मरीजों को तत्काल चिकित्सा मुहैया कराने की जरूरत ने अस्पतालों और मेडिकल संस्थानों को स्वास्थ्यरक्षा सेवाएं मुहैया कराने के अपने पूरे सिस्टम में हालात के अनुसार बदलाव के लिए प्रेरित किया। इसका मकसद मरीजों को स्वास्थ्य रक्षा की अधिकतम सेवाएं प्रदान करना और संक्रमण के जोखिम को कम से कम करना था। कोरोना महामारी ने भारत में टेलीमेडिसिन की पंरपरा को बढ़ावा दिया। संक्रमण के जोखिम को कम किया। इसने कोरोना के बाद के समय में नए-नए इनोवेशन से लैस मरीजों पर केंद्रित स्वास्थ्य रक्षा प्रणाली की आधारशिला रखी।