दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा और इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) ने पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अधिकारियों और उनके एक ड्राइवर को जासूसी करते पकड़ा है। भारत सरकार ने इन सभी को जासूसी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पर्सन नॉन ग्रेटा (अवांछित व्यक्ति) करार देते हुए 24 घंटे के अंदर देश छोड़ने का आदेश जारी किया है। ये दोनों अधिकारी उच्चायोग में वीजा सहायक के पद पर तैनात थे।
भारत ने पाकिस्तान को आपत्ति पत्र किया जारी
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार ने इस संबंध में पाकिस्तान उच्चायोग को डिमार्श (आपत्ति पत्र) जारी किया है। पाकिस्तान उच्चायोग से भी कहा गया है कि वह सुनिश्चित कर ले कि उसके राजनयिक मिशन का कोई सदस्य भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त न रहे या कोई ऐसा बर्ताव न करे जो उनके राजनयिक पद के अनुकूल न हो।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खुफिया विभाग को सूचना मिली थी कि पाकिस्तान उच्चायोग के आबिद हुसैन और मोहम्मद ताहिर किसी व्यक्ति से गोपनीय दस्तावेज लेने करोगबाग पहुंच रहे हैं।
इसके बाद एसीपी ललित मोहन नेगी और हृदयभूषण नेगी के नेतृत्व में गठित टीम ने दोनों अधिकारियों और ड्राइवर जावेद को उस समय रंगेहाथ पकड़ लिया, जब वे भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज के एवज में किसी को भारतीय मुद्रा दे रहे थे।
दोनों को करोलबाग से रविवार दोपहर 12 बजे पकड़ा गया, जब दोनों किसी तीसरे व्यक्ति से गोपनीय दस्तावेज ले रहे थे। वे दिल्ली की सड़कों पर खुलेआम घूमते थे और फर्जी आईडी बनाकर खुद को भारतीय बताते थे। इससे पहले इस तरह की घटना 2016 में हुई थी।
आईएसआई के लिए जासूसी की बात कुबूली
सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान दोनों अधिकारियों ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी की बात कुबूल कर ली है। दोनों अधिकारी गोपनीय दस्तावेज के एवज में उस व्यक्ति को भारतीय मुद्रा के अलावा आईफोन भी दे रहे थे। दोनों के पास फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुए हैं।
पाकिस्तान ने कहा-आरोप बेबुनियाद
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने भारत की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा, स्पष्ट है कि दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के लिए राजनयिक का कामकाज का दायरा कम किया जा रहा है। हम भारत के इस बेबुनियाद आरोप को सिरे से खारिज करते हैं। यह वियना संधि का भी उल्लंघन है।
साभार :सिआसत