भारत का ऑटो सेक्टर इस समय मंदी की चपेट में है। इस क्षेत्र के लाखों लोगों की नौकरी दांव पर लगी है, यदि समय रहते सरकार ने कोई बड़ा कदम नहीं उठाया तो स्थिति और भयावह रूप ले सकती है। एक जानकारी के मुताबिक पिछले तीन माह में ऑटो सेक्टर में काम करने वाले 2-3 लाख लोग रोजगार से हाथ धो चुके हैं। हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही मंदी से मुक्ति मिल जाएगी।
एक जानकारी के मुताबिक ऑटो सेक्टर करीब एक साल से मंदी की चपेट में है। जुलाई माह तक की बात करें तो 2019 में ऑटो सेक्टर की बिक्री में 18.71 फीसदी कमी आई है। इनमें दुपहिया और तिपहिया वाहन भी शामिल हैं।
जुलाई माह तक इस साल 18 लाख 25 हजार 148 वाहनों की बिक्री हुई थी, जबकि 2018 में इसी अवधि में 22 लाख 45 हजार 223 थी, जो कि पिछले साल की तुलना में लगभग 4.20 लाख कम है।
लगातार 9वें महीने गिरावट : यात्री वाहनों की बिक्री जुलाई में लगातार नौवें महीने गिरी है। यह 30.98 प्रतिशत घटकर 2,00,790 वाहन रही है जो जुलाई 2018 में 2,90,931 वाहन थी। भारतीय वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के आंकड़ों के मुताबिक घरेलू बाजार में कार की बिक्री 35.95 प्रतिशत टूटकर 1,22,956 वाहन रही। जुलाई 2018 में 1,91,979 वाहन थी।
इसी तरह मोटरसाइकिल की घरेलू बिक्री पिछले महीने 9,33,996 इकाई रही जो जुलाई 2018 की 11,51,324 इकाई बिक्री के मुकाबले 18.88 प्रतिशत कम है। जुलाई में दोपहिया वाहनों की कुल बिक्री 15,11,692 वाहन रही। जुलाई 2018 में यह आंकड़ा 16.82 प्रतिशत अधिक यानी 18,17,406 वाहन था।