महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बीते चार दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण ऐसे हालात पैदा हो गए हैं कि ना केवल यातायात में बाधा आ रही है बल्कि अलग अलग घटनाओं में 27 लोगों की जान भी जा चुकी है.
भारी मॉनसून के साथ आई बारिश से भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई और आसपास के इलाकों में जनजीवन ठप्प हो गया है. इसके कारण हुईं दुर्घटनाओं में अब तक कम से कम 27 लोगों की जान जाने की खबर है. सड़क, रेल और वायु यातायात पर भी इसका बुरा असर पड़ा है. मौसम विभाग के अनुसार, मुंबई में 24 घंटों में इतनी वर्षा रिकॉर्ड की गई है जितनी पिछले एक दशक में नहीं हुई थी. रेड एलर्ट जारी कर विभाग ने और बारिश की चेतावनी दी है.
मुंबई के पूर्वी मलाड के झुग्गी इलाके में एक दीवार के ढहने से 18 लोगों की मौत हो गई और करीब 50 लोग घायल हो गए. मुंबई विश्व के उन कुछ शहरों में शामिल है, जहां की आबादी दो करोड़ के आसपास है. हर साल यहां मॉनसून के सीजन में जून से सितंबर के बीच सबसे ज्यादा बारिश होती है. सन 2005 के मॉनसून में आई बाढ़ के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में मुंबई के एक हजार से भी ज्यादा लोगों की जान चली गई थी
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भारी बारिश के कारण मुंबई-ठाणे के बीच विभिन्न स्थानों पर रेलवे ट्रैकों के पानी में डूब जाने के बाद मध्य रेलवे (सीआर) ने मंगलवार तड़के उपनगरीय ट्रेन सेवाएं रोक दी हैं. महाराष्ट्र सरकार द्वारा मुंबई में मंगलवार को एहतियातन सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के बाद पश्चिम रेलवे (डब्ल्यूआर) की सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं.
अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इससे पहले ठाणे-कुर्ला के बीच रेलवे ट्रैकों के कई स्थानों पर पानी में डूबने के कारण छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से ठाणे के बीच रद्द कर दी गई हैं और पश्चिम रेलवे नेटवर्क पर कई सेवाओं में देरी की सूचना मिली है. भारत के विभिन्न हिस्सों से मुंबई आने वाली कई लंबी दूरी की ट्रेनें भी रास्ते में विभिन्न मार्गो पर फंसी खड़ी हैं. इसकी और जानकारी ली जा रही है.