कोलकाता के मुसलमानों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा है। पत्र में मुसलमानों ने कोलकाता में डॉक्टरों पर हाल में हुए हमलों के दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत के पश्चिम बंगाल राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मुसलमानों द्वारा लिखे गए पत्र के माध्यम से कहा गया है कि, ‘हम हाल में हुई दो घटनाओं को लेकर बेहद चिंतित हैं, दोनों मामलों में हमलावर हमारे समुदाय से थे।
हम व्यथित और शर्मिंदा हैं।’ कोलकाता के रहने वाले, 46 जानेमाने मुसलमानों ने कहा, ‘सिर्फ इन दो मामलों में ही नहीं, बल्कि जितने भी मामलों में मुसलमान शामिल हों, उन पर क़ानून के अनुसार कार्रवाई की जाए, उन्हें सिर्फ इसलिए नहीं बख्श दिया जाना चाहिए क्योंकि वे मुसलमान हैं, इससे यह संदेश जाएगा कि किसी समुदाय के सदस्यों को न तो बचाया जा रहा है और ना ही उनका तुष्टिकरण किया जा रहा है।’
पश्चिम बंगाल के मुसलमानों ने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि वह कोलकाता में मुसलमान युवाओं और उनके परिवारों को लैंगिक मुद्दों पर संवेदनशील बनाने, क़ानून के अनुपालन करने और नागरिक दायित्वों का बोध कराने के लिए कार्यशाला और कार्यक्रमों का आयोजन कर उन्हें इनसे जोड़े।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, ममता बनर्जी को लिखे पत्र का मसौदा तैयार करने वाले संचार विशेषज्ञ मुदार पथेरया ने कहा कि सरकार को वोट बैंक की राजनीति छोड़कर, आने वाली पीढ़ियों के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखते हुए मुद्दों का समाधान करना चाहिए।
उन्होंने कहा, जिस पल वे ऐसा करना शुरू करेंगी, मेरा मानना है कि चीजों में सकारात्मक बदलाव आने लगेगा।’ पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली पोषणविद् (न्यूट्रिशनिस्ट) नेहा हफीज़ ने कहा कि यह धारणा बदले जाने की ज़रूरत है कि समुदाय को ‘दूसरों की अपेक्षा अधिक विशेष लाभ मिल रहा है। यह एक समस्या है जिससे हम इनकार नहीं कर सकते। हमें इसके समाधान की ज़रूरत है।