नई दिल्ली। केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कुख्यात आतंकी संगठन जैश के मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के मामले में पाकिस्तान के रूख पर कड़ी नाराजगी जताते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान अगर इतने ही उदार हैं तो मसूद अजहर को हमें सौंप दें।
पुलवामा हमले का एक माह पूरा होने पर सुषमा ने कहा है कि पाकिस्तान जब तक अपनी जमीन से संचालित आतंकी अड्डों पर कार्रवाई नहीं करता, तब तक उससे कोई बातचीत नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकता।
उन्होंने कहा कि मसूद अजहर ने हमले की जिम्मेदारी ली है। हमने 10 दिनों तक उसके खिलाफ कार्रवाई का इंतजार किया। फिर कार्रवाई की। वह हमला पाकिस्तान के खिलाफ नहीं था। उन्होंने पाकिस्तान विमानों के भारत में घुसने पर भी सवाल उठाए।
सुषमा ने कहा कि 27 फरवरी को पाक ने जवाबी कार्रवाई की। लेकिन सवाल यह उठता है कि पाक ने ऐसा क्यों किया जबकि हमला उसके लिए नहीं था। क्योंकि हमले में न तो पाक का कोई नागरिक मरा और न ही सैनिक जख्मी हुए। तो फिर क्या पाक जैश की तरफ से लड़ने आया था? पाक का यह हमला भारत पर था।
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि पाक आतंकी गुटों को अपनी जमीन पर पनाह देता है, उनको फंडिंग की जाती है। आतंकियों पर कार्रवाई तो दूर की बात है। जब आतंकी हमला करते हैं और पीड़ित देश जवाबी कार्रवाई करता है तो आप उनकी तरफ से लड़ने के लिए आ जाते हैं। पाक को लेकर भारतीय दृष्टिकोण को समझने की जरूरत है।
सुषमा ने आतंक पर पाकिस्तान की दोहराई गई बात का मजाक उड़ाते हुए कहा कि पुलवामा के बाद भी ऐसे दोहरे चरित्र के कई उदाहरण हैं। एक बिंदु पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि जैश प्रमुख मसूद अजहर पाकिस्तान में है और दूसरी तरफ, पाक सेना ने कहा कि जैश का पाकिस्तान में कोई अस्तित्व नहीं है।