सऊदी अरब में विरोधी स्वर को दबाने की आले सऊद शासन की कोशिश जारी है। इसी क्रम में जमील फ़ारसी नामक एक लेखक को गिरफ़्तार कर लिया गया है। उन्होंने आले सऊद शासन की इस्राईल के साथ संबंध सामान्य करने की कार्यवाही को लेकर आलोचना की।
वेबसाइट “अरबी-21” के अनुसार, “सऊदी अरब के सांप्रदायिक बुनियाद पर क़ैदी” नामक ट्वीटर पेज पर जमील फ़ारसी का “अलमज्द” टीवी चैनल से इंटरव्यू का वीडियो प्रसारित हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा हैः “ज़ायोनी शासन मुसलमानों का दुश्मन व अरबी भूमि का अतिग्रहणकारी है जिससे संबंध सामान्य करना मुमकिन नहीं है।”
आले सऊद शासन की अदालत ने जमील फ़ारसी को ख़तरनाक विचार रखने जैसे झूठे आरोप में गिरफ़्तार करके जेल में डाल दिया है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, इस इंटरव्यू में पत्रकार “फ़हद अस्सनीदी” और सऊदी अरब में यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर सअद अलउतैबी भी मौजूद थे, जिन्हें आले सऊद के सुरक्षाकर्मियों ने गिरफ़्तार करके जेल में डाल दिया है। इस समय ये दोनों लोग भी जेल में हैं।
सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने अमरीकी पत्रिका एटलांटिक से इंटरव्यू में दावा किया थाः “इस्राईलियों को अपनी भूमि रखने का अधिकार है।”
मोहम्मद बिन सलमान के बयान और उनकी कार्यवाही दर्शाती है कि वह, सऊदी अरब के जटिल हालात में तेल अविव से संबंध क़ायम करने की कोशिश में हैं।
सऊदी अरब में जबसे मोहम्मद बिन सलमान शासक बने हैं, इस देश में दसियों धर्मगुरुओं, यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसरों और छात्रों को बिन सलमान की आलोचना करने की वजह से जेल में बंद कर दिया गया है। )