ब्राज़ील की राजधानी रियो डि जेनेरियो में स्थित राष्ट्रीय म्यूज़ियम में लगी भीषण आग ने इस बेहद पुराने म्यूज़ियम को खाक कर दिया.
यह म्यूज़ियम ब्राज़ील में विज्ञान से जुड़ा सबसे पुराना संस्थान है.
इस म्यूज़ियम में कई दुर्लभ चीजें संरक्षित थी, जिन्हें नुकसान पहुंचने की ख़बर है. यहां लगभग 2 करोड़ वस्तुएं रखी हुई थीं.
इस म्यूज़ियम में अब तक खोजे गए सबसे पुराने मानव अवशेष संरक्षित थे जिसे अमरीका में खोजा गया था. माना जा रहा है कि ये सभी चीज़ें आग में जल कर ख़त्म हो सकती हैं.
अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है और ना ही किसी के हताहत होने की ख़बर मिली है.
यह म्यूज़ियम जिस इमारत में था, वह पहले एक पुर्तगाली शाही परिवार का घर था. इसी साल इस म्यूज़ियम ने अपनी 200वीं वर्षगांठ भी मनाई थी.
यह आग रविवार शाम को तब लगी जब म्यूज़ियम को बंद कर दिया गया था.
ब्राज़ील के टीवी चैनल पर जो तस्वीरें दिखाई जा रही हैं, उससे अंदाज़ा लग रहा है कि यह आग पूरी इमारत तक फ़ैल चुकी है.
ब्राज़ील के राष्ट्रपति माइकल टेमेर ने ट्वीट किया है, ”यह दिन सभी ब्राज़ील वासियों के लिए बेहद दुख भरा है क्योंकि 200 साल का काम, रिसर्च और ज्ञान सब ख़त्म हो गया.”
रियो में मौजूद दमकल विभाग के एक प्रवक्ता रोबर्टो रोबाडे ने समाचार एजेंसी एपी से कहा है कि म्यूज़ियम के पास मौजूद पानी की सप्लाई की उचित सुविधा नहीं है, जिस वजह से उन्हें पास के एक तालाब से पानी लाना पड़ रहा है.
रोबर्टो के अनुसार सोमवार सुबह तक आग पर नियंत्रण पा लिया गया था और म्यूज़ियम के कुछ हिस्सों को पूरी तरह ख़त्म होने से भी बचा लिया गया.
शहर की पहचान को पहुंचा नुकसान
दक्षिण अमरीका में मौजूद बीबीसी संवाददाता कैटी वॉटसन कहती हैं कि इस आग के साथ महज़ ब्राज़ील के इतिहास के कुछ पन्ने ही नहीं जले हैं बल्कि इस म्यूज़ियम को बहुत से लोग इस शहर की पहचान, यहां तक कि पूरे देश की पहचान के तौर पर देखते हैं.
कैटी कहती हैं, ”रियो एक संकट की ओर है, यहां लगातार हिंसा बढ़ रही है, आर्थिक हालात बिगड़ रहे हैं और राजनीतिक भ्रष्टाचार पूरे शहर को एक गर्त में लेकर जा रहा है.”
साल 2016 में जब रियो में ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया तब ब्राज़ील ने करोड़ो डॉलर खर्च किए थे. लेकिन इस खर्च ने रियो पर बहुत बुरा असर डाला. खेल ख़त्म होने के बाद सरकार की तरफ़ से फंड में कटौती की गई जिसके बाद यहां हिंसा की घटनाएं बढ़ गईं और पर्यटकों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई.
क्या-क्या था इस म्यूज़ियम में?
प्राकृतिक इतिहास और मानव विज्ञान से जुड़ा यह म्यूज़ियम अमरीका में बने सबसे बड़े म्यूज़ियम में से एक है.
यहां लाखों की संख्या में कलाकृतियां थीं जिसमें खनिज पदार्थ, ब्राज़ील का सबसे बड़ा उल्का पिंड, डायनासोर की हड्डियां और लूज़िया नामक एक महिला का 12 हज़ार साल पुराना कंकाल शामिल था.
इसके साथ-साथ इस म्यूज़ियम में पिछली कई शताब्दियों का इतिहास भी संरक्षित था, जैसे 1500 सदी में पुर्तगालियों के आगमन से लेकर 1889 में ब्राज़ील के गणतंत्र घोषित होने तक का इतिहास.
यहां प्री-कोलंबियन युग के मानव विज्ञान से जुड़ी कई विशिष्ट चीज़ें भी रखी हुई थीं.
ग्रीको-रोमन और मिस्र के दौर की भी बहुत सी चीज़ें भी इस म्यूज़ीयम में थीं.
साल 1818 में इस म्यूज़ियम की स्थापना की गई थी, इसका मकसद विज्ञान से जुड़ी रिसर्च को बढ़ावा देना और विशिष्ट खोज को एकत्रित करना था.
लोगों की प्रतिक्रियाएं
रियो के समाचार चैनल ग्लोबो टीवी के पत्रकार मारकेलो मोरेरा ने बीबीसी से कहा, ”यह बेहद दुखद है, इस म्यूज़ियम का एक पुराना इतिहास था.”
ग्लोबो चैनल को दिए एक इंटरव्यू में म्यूज़ियम के निदेशक ने इस घटना को ‘सांस्कृतिक त्रासदी’ कहा है.
म्यूजियम के एक लाइब्रेरियन एडसन वरगस डि सिल्वा ने स्थानीय मीडिया को बताया कि इस इमारत में लकड़ी से बने फ्लोर थे, साथ ही बहुत-सा सामान ऐसा था जिसमें आग लग सकती थी.
म्यूज़ियम के कर्मचारी पहले भी कई बार फंड की कमी की शिकायत कर चुके थे.