कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने गुरुवार को पार्टी के प्रतिनिधिमंडल सदस्यों के साथ सिलचर हवाई अड्डे की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। सूत्रों के अनुसार सिल्चर हवाई अड्डे पर तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ अभद्रता की गयी। जब ये लोग असम में विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से नाम हटाए गये लोगों से बात करने और उनसे मिलने आये थे।
प्रतिनिधि मंडल के आठ सदस्यों में से चार लोकसभा सांसद- काकोली घोष दस्तीदार, रत्ना डे नाग, ममताबाला ठाकुर और अर्पिता घोष तथा दो राज्यसभा सांसद सुखेंदू शेखर रॉय और नदीमुल हक और बंगाल के केबिनेट मंत्री फिरहद हकीम और विधायक महुआ मोइत्रा शामिल थे।
बनर्जी ने दिल्ली से लौटने के बाद हवाई अड्डे में कहा दिल्ली से उड़ान भरने के दौरान ही मुझे यह खबर मिल गयी कि असम सरकार के आदेश पर हमारे प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ सिलचर हाथपाई हुई थी। जब मैं गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने गयी तो उन्होंने मुझ आश्वासन दिया था कि किसी मेरे प्रश्न के उत्तर पर गृह मंत्री राजनाथ भसह ने मुझे आश्वासन दिया था कि किसी को भी परेशान नहीं किया जायेगा। तब हवाई अड्डे पर उनके सदस्यों के साथ हाथपाई क्यों हुई? यहां तक महिला सदस्यों को भी नहीं बख्शा गया? यहां तक कि महिला सदस्यों को भी नहीं बक्शा गया।
मुख्यमंत्री ने कहा, अगर सबकुछ ठीक है तो यह सब क्यों हो रहा है? हम पर क्यों आरोप लगाये जा रहे हैं? असली तथ्यों को दबाने के लिए यह बदले की राजनीतिक है?
बनर्जी ने कहा, वह असम सरकार के इस व्यवहार का विरोध करती। हमारे सांसद वहां आम लोगों से मिलने गये थे। किसी जनसभा को संबोधित करने नहीं गये थे। एनआरसी के अंतिम मसौद के प्रकाशित होने से 40 लाख लोग इससे प्रभावित हुये है। अगर स्थिति सामान्य थी तो निषेधाज्ञा क्यों लगायी गयी है और पार्टी के आठ सदस्यों को हवाई अड्डे से बाहर क्यों नहीं निकलने दिया। लोगों को देश से बाहर करने के लिए यह एक राजनीतिक बदला है। एजेंसी