रांची/हैदराबाद। आरएसएस और बीजेपी के कुछ नेताओं ने कहा है कि गोमांस खाना बंद हो और गाय को ‘राष्ट्र माता’ का दर्जा दिया जाए। उन्होंने गायों की तस्करी के संदिग्धों की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटनाओं पर विराम लगाने का एक तरीका सुझाते हुए यह बात कही।
राजस्थान के अलवर जिले में गो तस्कर होने के संदेह में एक मुस्लिम युवक की भीड़ द्वारा कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या (मॉब लिंचिंग) किए जाने की घटना के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढऩे के बीच बीजेपी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने इस तरह की घटनाओं के मुद्दे को उठाने वालों को आज ढोंगी करार दिया।
उन्होंने कहा कि ये लोग 1984 के सिख विरोधी दंगों और 2002 में कारसेवकों की कथित ‘लिंचिंग’ को भूल गए हैं, जिसकी वजह से गुजरात में साम्प्रदायिक दंगे भडक़े थे। वहीं, दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने बीजेपी पर प्रहार करते हुए कहा कि मुस्लिम अक्सर ही भीड़ हिंसा का शिकार बनते हैं और यह भगवा पार्टी से जुड़े संगठनों के हिंदू – मुसलमान को बांटने के एजेंडा को बयां करता है।
आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने रांची में कहा कि यदि गोमांस खाना बंद कर दिया जाता है तो शैतान के इस तरह के कई अपराध रोके जा सकते हैं। उन्होंने भीड़ द्वारा पीट-पीट कर की जाने वाली हत्या की घटनाओं का संभवत: जिक्र करते हुए यह बात कही। वह कल हिंदू जागरण मंच के एक कार्यक्रम में शरीक होने के लिए रांची में थे। कुमार ने कहा कि कोई भी धर्म गो हत्या की मंजूरी नहीं देता।
उन्होंने कहा कि भीड़ हिंसा की सभी घटनाएं निंदनीय हैं। गोमांस खाने की परंपरा रोकने के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह उनके विचारों से सहमति जताते नजर आएं। उन्होंने कहा कि वह एक परिपक्व व्यक्ति हैं और उन्होंने जो कुछ भी कहा, अवश्य ही सोच विचार कर कहा होगा।
अलवर घटना के बाद राजस्थान के मंत्री जसवंत यादव ने मुसलमानों से गो तस्करी का कारोबार रोकने को कहा। उन्होंने कहा कि यह हिंदुओं का खून खौला देता है। उन्होंने मुसलमानों से हिंदुओं की भावनाएं समझने को कहा। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने मृतक के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि वह उन लोगों के खिलाफ खड़े हैं, जो कानून अपने हाथ में लेते हैं।
भाजपा सांसद विनय कटियार ने कहा कि अन्य समुदायों के लोगों को गो हत्या नहीं करनी चाहिए क्योंकि इसे लेकर लोग गुस्से में आ जाते हैं। उन्होंने मॉब लिंचिंग पर सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जब इस तरह की घटनाएं होती है तो अन्य समुदाय को इस बारे में सोचना चाहिए। उन्हें गायों को नहीं छूना चाहिए, जबकि वे लोग जानते हैं कि हिंदू इसे लेकर क्रोधित हो जाते हैं।