फीफा वर्ल्ड कप के तीसरे क्वार्टर फाइनल मुकाबले में फॉर्म में चल रही इंग्लैंड ने स्वीडन को 2-0 से मात देकर सेमीफाइनल में जगह बना ली है. बुधवार को होने वाले सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड का सामना क्रोएशिया और मेजाबन रूस के बीच होने वाले अंतिम क्वार्टर फाइनल के विजेता से होगा.
इंग्लिश टीम 1990 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची है. इंग्लिश टीम 28 साल के लंबे इंतजार के बाद इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के अंतिम-4 में पहुंचने में कामयाब हो पाई है. इंग्लैंड ने 1990 में इटली में हुए वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था.
सेमीफाइनल में इंग्लैंड को पश्चिम जर्मनी ने पेनाल्टी शूटआउट में 4-3 (1-1) से शिकस्त दी थी, लेकिन अब उसने हैरी मेग्वायर (30वें) और डेली एली (59वें) के गोलों की मदद से एक बार फिर यह कारनाम कर दिखाया है.
समारा ऐरेना में खेले गए इस मुकाबले में शुरुआत से ही इंग्लैंड ने गेंद पर नियंत्रण बनाने में अधिक विश्वास दिखाया और स्वीडन के मिडफील्डर एवं फारवर्ड खिलाड़ियों का लगातार परेशानी में डाले रखा.
19वें मिनट में रहीम स्टर्लिग ने बॉक्स के बाहर दाईं छोर पर विपक्षी टीम के डिफेंडर को छकाते हुए स्ट्राइकर हैरी केन को गेंद पास की लेकिन इंग्लैंड के कप्तान अपनी टीम को शुरुआती बढ़त दिलाने में कामयाब नहीं हो पाए.
केन के इस असफल प्रयास के दो मिनट बाद इंग्लैंड के मिडफील्डर जेसे लिंगार्ड ने दाएं छोर से गोल की ओर शॉट लगाया, जिस पर स्वीडन के गोलकीपर रोबिन ओल्सन ने बेहतरीन बचाव किया.
30वें मिनट में इंग्लैंड को कॉर्नर मिला और एश्ले यंग के क्रॉस पर हेडर से शानदार गोल करते हुए डिफेंडर हैरी मेग्वायर ने अपनी टीम को 1-0 से आगे कर दिया.
पहला हाफ समाप्त होने से एक मिनट पहले स्टर्लिंग को इंग्लैंड की बढ़त को दागुना करने का मौका मिला लेकिन वह बॉक्स में ओल्सन को छकाने में कामयाब नहीं हो पाए.
स्वीडन के लिए दूसरे हाफ की शुरुआत शानदार रही और 47वें मिनट में मार्कस बर्ग ने बॉक्स के अंदर से हेडर लगाकर बराबरी का गोल करने की कोशिश की लेकिन वह युवा गोलकीपर जॉर्डन पिकफोर्ड को भेद नहीं पाए.
इंग्लैंड इस झटके से जल्द ही उबरी और 59वें मिनट में बॉक्स के बाहर से लिंगार्ड ने बेहतरीन क्रॉस दिया, जिस पर हेडर से गोल दागकर डेली एली ने अपनी टीम की बढ़त को दोगुना कर दिया.
इसके बाद स्वीडन को 62वें एव 72वें मिनट में इंग्लैंड की बढ़त को कम करने का मौका मिला, लेकिन दोनों बार पिकफोर्ड ने बेहतरीन बचाव किया और अपनी टीम को एक यादगार जीत दिलाई.