राष्ट्रीय महिला आयोग ने डीजीपी और राज्य के पुलिस प्रमुख को निर्देश दिया है कि इस ममाले की पूरी जांच करें और आयोग को इस बात की सूचना दें.
मलंकारा ऑर्थोडक्स चर्च में पांच पादरियों द्वारा कथित यौन शोषण के मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है. 27 जून को कई मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा कहा गया था कि चर्च में कन्फेशन करने आई एक विवाहित महिला का कथित रूप से यौन शोषण और ब्लैकमेल करने का मामला सामने आया है.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने डीजीपी और राज्य के पुलिस प्रमुख को निर्देश दिया है कि इस ममाले की पूरी जांच करें और आयोग को इस बात की सूचना दें.
बता दें मीडिया रिपोर्ट्स के बाद चर्च ने अपने 5 पादरियों का ट्रांसफर कर दिया है. चर्च के सचिव बीजू उमेन ने मीडिया से बताया था कि उन्हें पीड़िता के पति से शिकायत मिली थी, जिस पर उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी पादरियों का तबादला कर दिया. इन पादरियों पर आरोप है कि उन्होंने महिला के कन्फेशन का इस्तेमाल कर उसे ब्लैकमेल किया. बता दें कि चर्च में किए जाने वाले इस तरह के कंफेशन को बिल्कुल गुप्त रखा जाता है.
इस घटना को लेकर उमेन ने कहा, ‘चर्च ने बेहद जिम्मेदारी से काम किया. आज की स्थिति में 5 लोग संदिग्ध हैं. इस मामले की जांच करने के लिए एक आयोग गठित की गई है. जांच चल रही है और रिपोर्ट आते ही चर्च उन पर फिर से कार्रवाई करेगा.’
वहीं पति का आरोप है कि जिस पादरी ने पहले उसकी पत्नी का शोषण किया, वह उसे ब्लैकमेल करता था. जब उसने दूसरे पादरी से मदद मांगी, तो उसने भी धमकी दी और उसका नंबर एक अन्य पादरी को दे दिया. यह सिलसिला पांच पादरियों पर जाकर रुका.
ऑर्थडॉक्स चर्च इस पूरे घटनाक्रम को हैरान करने वाला बता रहा है. वहीं इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी खूब आलोचना हो रही है. उधर उमेन कहते हैं, ‘हम बड़े पैमाने पर प्रचारित इस घटना को लेकर निश्चित रूप से चिंतित हैं और हमें संदेह है कि सोशल मीडिया में हमारे चर्च को बदनाम करने की कोशिश हो रही है.’ इस बीच बताते चले कि पीड़िता ने अभी तक पुलिस में मामले की शिकायत दर्ज नहीं कराई है.