भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुस्लिम नेता अफजाल चौधरी को भगवा कुर्ता भी गिरफ्तार होने से नहीं बचा पाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गिरफ्तार किए गए नेता पर बीते दिनों योगी सरकार का चाबुक भी चला था और उसे अल्पसंख्यक आयोग की सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया था। लोनी के रहने वाले मुस्लिम नेता अफजाल चौधरी पर लगे आरोपों की फेहरिस्त काफी लंबी और चौंकाने वाली है।
गाजियाबाद पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए अफजाल चौधरी पर प्रशासनिक अधिकारियों और मंत्रियों पर उन्हें फोन पर गैर कानूनी कामों के लिए दबाव बनाने और धमकाने के आरोप हैं। जनसत्ता के अनुसार चौंकाने वाली बात यह भी है कि अफजाल ने कथित तौर पर पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा और शंकर सिंह वाघेला बनकर भी फोन कर अधिकारियों और मंत्रियों पर अपने कामों के लिए दबाव बनाया।
स्थानीय मीडिया के अनुसार उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने शुक्रवार (27 अप्रैल) को अफजाल चौधरी को उसके एक साथी के साथ धर दबोचा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अफजाल ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और डीजीपी ओपी सिंह तक को फोन कर अपने कामों के लिए दबाव बनाया था।
प्रशासनिक अधिकारियों ने शक होने पर इसकी शिकायत लखनऊ पहुंचाई, तब जाकर जांच में अफजाल की पोल खुली और फिर उस पर कार्रवाई की डंडा चला। पुलिस ने अफजाल के कब्जे से एक मर्सडीज कार भी बरामद की है। अफजाल को लेकर पहले भी कई शिकायतें सामने आ चुकी थीं, जिसके चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरवरी में उसे अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य पद से हटा दिया था।
अफजाल पर आरोप है कि उसने गाजियाबाद की डीएम और एसएसपी समेत कई बड़े अधिकारियों को फोन कर खुद को बीजेपी का बड़ा नेता बताया और उन पर गैर-कानूनी कामों के लिए दबाव बनाया। रिपोर्ट्स के मुताबिक अफजाल ने खुद को गुजरात का पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला बताकर गाजियाबाद की डीएम रितु माहेश्वरी को फोन किया था और उन पर जमीन विवाद के एक मामले में अपने आदमी के पक्ष में फैसला लेने के लिए दबाव बनाया था।
वहीं, अफजाल ने खुद को यशवंत सिन्हा बताकर गाजियाबाद के एसएसपी को फोन किया था। पुलिस ने अफजाल के एक साथी कृष्ण कुमार को भी गिरफ्तार किया है। अफजाल अक्सर अपने फेसबुक से कई बॉलीवुड हस्तियों के साथ फोटो भी शेयर करते हुए देखा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अफजाल पर गैर कानूनी तरीके से पैसों की उगाही करने का भी आरोप लगा है।