वुहान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने दो दिन की अनौपचारिक शिखर वार्ता के दूसरे दिन शनिवार को आमने-सामने की बातचीत का आखिरी दौर शुरू किया। इस शिखर वार्ता का मकसद द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के लिए आम सहमति बनाना और संबंधों को प्रभावित करने वाले विवादित मुद्दों को सुलझाना है।
दोनों नेताओं ने खूबसूरत ‘ईस्ट लेक’ (पूर्वी झील) के किनारे सैर की। उनके साथ दो अनुवादक भी थे। सैर के बाद उन्होंने चाय पी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि भारत-चीन संबंधों को आगे की ओर देखने वाले पथ पर ले जाते हुए, संबंधों में भविष्य की दिशा तय करते हुए। पीएम नरेंद्र मोदी और चीन राष्ट्रपति शी ने सुबह वुहान में ईस्ट लेक के किनारे एक साथ सैर की।
इसके बाद मोदी और शी ने ईस्ट लेक में नौका विहार का आनंद लिया। दोनों नेताओं को घरनुमा नौका (हाउस बोट) के भीतर बेहद सुकून से एक-दूसरे से बातें करते देखा गया। मोदी के सम्मान में शी की मेजबानी में आयोजित भोज के साथ शिखर वार्ता का समापन होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी स्वदेश लौटेंगे।
दोनों नेताओं ने शुक्रवार को गर्मजोशी और दोस्ताना माहौल में विस्तृत वार्ता की थी। उन्होंने वार्ता की शुरुआत हुबेई प्रांतीय संग्रहालय में की थी जहां शी ने मोदी को अपने साथ ले जाकर ऐतिहासिक कलाकृतियां दिखाई थीं। संग्रहालय में उनका साथ करीब 20 मिनट के लिए तय था, लेकिन वे 40 मिनट से ज्यादा समय तक वहां साथ रहे। इसके बाद उन्होंने आमने-सामने की वार्ता शुरू की थी।
मोदी और शी की आमने-सामने की वार्ता के बाद शिष्टमंडल स्तर की वार्ता हुई जिसमें दोनों पक्षों के छह शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इससे ऐसा लगा कि कुछ अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, विदेश सचिव विजय गोखले और चीन में भारत के राजदूत गौतम बम्बावाले बैठक में मौजूद थे।
शी ने एक उच्चाधिकार प्राप्त शिष्टमंडल की अध्यक्षता की जिसमें कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की केंद्रीय कमेटी के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य दिंग शूशियांग , सीपीसी के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य यांग जाइची और स्टेट काउंसेलर एवं विदेश मंत्री वांग यी शामिल थे। शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के बाद शी ने ‘ईस्ट लेक’ में मोदी के सम्मान में भोज की मेजबानी की।-एजेंसी