जनता दल के बाग़ी नेता शरद यादव ने आज दिल्ली में साझा विरासत बचाओ सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें कॉन्ग्रेस सहित 17 विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया।
कॉन्ग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषण में केन्द्र की भाजपा की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार पर इल्ज़ाम लगाया कि उसने विदेशी बैंकों में जमा काले धन को वापस लाने और देश में नौकरी के पर्याप्त अवसर पैदा करने के अपने वादे को पूरा नहीं किया।
कॉन्ग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आरएसएस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह देश के संविधान को बदलने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि आरएसएस जब तक सत्ता से दूर रही उसने कभी भी राष्ट्रीय ध्वज को सलामी नहीं दी। राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस अपनी विचारधारा के साथ चुनाव नहीं जीत सकती इसलिए वह हर संस्था में अपनी विचारधारा के समर्थकों की नियुक्ति करवा रही है।
साझा विरासत को बचाने के उद्देश्य से आयोजित इस सम्मेलन में पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह, कॉन्ग्रेस, वापदलों, राष्ट्रीय जनता दल, सपा, बसपा, तृणमूल कॉन्ग्रेस, एनसीपी और अनेक विपक्षी दलों के बड़े नेता शामिल हुए।
जनता दल यू ने शरद यादव से कहा कि अगर उन्हें पार्टी में रहना है तो राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव का साथ छोड़ना होगा।
आज के इस सम्मेलन को बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के विरुद्ध शरद यादव के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है जिन पर पार्टी विरोधी कार्यवाही के इल्ज़ाम में निलंबन की संभावना बढ़ती जा रही है।
शरद यादव ने कहा है कि वह ऐसा ही सम्मेलन बिहार सहित देश के अन्य भागों में भी आयोजित करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सम्मेलन किसी के ख़िलाफ़ नहीं बल्कि इसका आयोजन देश के हित में किया गया है।