नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर हुआ विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। चीन की और से कहा गया है की सिक्किम सेक्टर में भारत के साथ पैदा हुए गतिरोध में समझौते के कोई आसार हीं नहीं है।
इस मामले पर चीन ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा की इन सबके लिए भारत जिम्मेदार है। भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने कहा कि इस मसले पर भारत सरकार को समाधान के बारे में फैसला लेना है।
चीन के सरकारी अखबार और विशेषज्ञों द्वारा की गई टिप्पणी के बारे में पूछने पर झाओहुई ने कहा, विकल्प के रूप में युद्ध पर विचार किया गया है। यह आपकी सरकार की नीति पर निर्भर है यह विकल्प कहां आजमाया जाए, चीन के अखबार ने कहा है कि यदि विवाद का उचित तरीके से समाधान नहीं तलाशा गया तो दोनों देशों के बीच युद्ध हो सकता है।
वहीं चीन के राजदूत ने जोर देकर कहा चीन सरकार मौजूदा स्थिति का शांतिपूर्ण समाधान चाहती है। इसके लिए भारत के सामने सेना वापसी की पूर्व शर्त है। यही भारत और चीन के बीच किसी सार्थक वार्ता की पहली शर्त है।
वहीं चीनी राजदूत ने यह भी कहा की डोकलाम डोंगलोंग मुद्दे पर समझौते की संभावना नहीं है। भूटान, भारत और चीन की सीमा के संधि स्थल पर स्थित डोकलाम में चीन की सेना सड़क निर्माण करा रही है। भारत ने हस्तक्षेप कर निर्माण रुकवा दिया। इसके बाद 19 दिनों से दोनों देशों के बीच गतिरोध जारी है।
संधि स्थल को भारत डोक ला कहता है। भूटान इसे डोकलाम कहता है। चीन इसी हिस्से में डोंगलोंग पर अपना दावा करता है। चीन और भूटान के बीच क्षेत्र पर दावे को लेकर वार्ता होती रही है। भूटान का चीन के साथ कोई कूटनीतिक रिश्ता नहीं है।