नई दिल्ली, सहारनपुर जातीय हिंसा पर गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जनपद पिछले 10 दिनों से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है. इस हिंसा से चिंतित केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है. गृह मंत्रालय को चिंता है कि यह जातीय हिंसा कहीं राज्य के दूसरे जिलों में न फैल जाए.
गृह मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार पूछा गया है कि आखिर सहारनपुर में जातीय हिंसा क्यों नहीं रुक रही है. स्थानीय प्रशासन इस हिंसा को रोक पाने में कहां नाकाम रहा है?
सूत्रों के मुताबिक़ हालात पर एसआईबी की रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि जातीय हिंसा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दूसरे जिलों में भी फैल सकती है. क्योंकि राजनैतिक और धार्मिक गुट इस हिंसा में दोनों पक्षों को उकसाने में लगे हैं.
विधानसभा चुनाव के बाद राजनैतिक रूप से अलग थलग पड़े धार्मिक अल्पसंख्यक गुट और कई विपक्षी दल दलित गुट को उकसाने के साथ-साथ उनकी आर्थिक मदद कर रहे हैं. वहीं राजपूत समुदाय को कई धार्मिक गुटों से मदद मिल रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक सहारनपुर के बिगड़े हालात को तत्काल काबू करने की ज़रूरत है. दरअसल, गृह मंत्रालय को इस बात से चिंता भी सता रही है कि कहीं यह जातीय हिंसा राज्य के दूसरे जिलों में ना फैल जाए.
जातीय हिंसा के इस मामले में अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. करीब 10 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. इस वारदात में 15 लोग घायल हैं. सभी घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बसपा सुप्रीमो मायावती के दौरे के बाद एक शख्स की मौत मामले में 3 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराई गई है. यूपी सरकार ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट में बताया है कि 23 मई को मायावती की रैली से लौट रहे लोगों पर ठाकुर समुदाय ने हमला किया था.