नई दिल्ली। उत्तराखंड के चमोली जिले स्थित बड़ाहोती में भी चीन की कथित घुसपैठ की खबर ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हालांकि सीधे तौर पर घुसपैठ की बात से इनकार किया। लेकिन सीमावर्ती इलाके में चीनी सैनिकों के सक्रिय होने की बात कही। दूसरी तरफ, केंद्र सरकार ने तत्काल इस मामले पर आईटीबीपी से रिपोर्ट तलब की। इसमें चीनी सैनिकों की तरफ से घुसपैठ किए जाने की बात कही जा रही है।
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य के राजस्व अधिकारी जमीनों की पैमाइश के लिए इस इलाके में गए थे। उन्हें सीमा पर चीनी सेना की हरकत दिखाई। लेकिन उनके घुसपैठ के सवाल पर कहा कि चीनी सैनिकों ने बड़ाहोती नाला पार नहीं किया था। घुसपैठ हुई या नहीं यह आटीबीपी ही बता सकती है। लेकिन यह हमें सतर्क रहने के लिए आगाह करती है। भारत के लिए जरूरी है कि चीन से सटी सीमा पर अपने सुरक्षा इंतजामों और पुख्ता करे और सैनिकों की संख्या बढ़ाने पर नए सिरे से विचार करे।रावत के बयान पर केंद्रीय गृहमंत्रालय ने आईटीबीपी प्रमुख कृष्णा चौधरी को तलब किया। बल के महानिदेशक ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू से मिलकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने सीमा प्रबंधन सचिव सुशील कुमार को भी पूरा ब्योरा दिया। गृहमंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिकों की ओर से यह गंभीर अतिक्रमण का मामला नहीं है। इसे तूल नहीं देना चाहिए। हालांकि चीनी हेलीकाॠप्टर के उड़ान भरने के मामले को गंभीरता से लिया गया है।
गृह मंत्रालय को दी गई रिपोर्ट में आईटीबीपी ने बताया कि चीनी सैनिक चमोली के बड़ाहोती सीमा से करीब 200 मीटर भीतर घुस आए थे। वहीं 25 जुलाई को चीनी सेना के हेलीकाॠप्टर ने भारतीय वायु क्षेत्र का उल्लंघन करते हुए सीमा के भीतर उड़ान भरी। इस घटना ने केंद्र को चौकस कर दिया है।