लखनऊ. यूपी के 2000 मस्जिदों-मदरसों पर एटीएस की नजर, 20 संदिग्ध रडार पर. यूपी पुलिस और यूपी एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) की टीम आतंकी साजिश के मद्देनजर पश्चिमी यूपी के करीब 2,000 मस्जिदों और मदरसों पर निगरानी बढ़ा दी है। बता दें, गरुवार को एटीएस ने 5 राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर एक ज्वाइंट ऑपरेशन में कुछ संदिग्ध आतंकियों को पकड़ा था। इसके बाद से ही सुरक्षा के मद्देजनर इन मस्जिदों और मदरसों पर नजर रखी जा रही है।
युवाओं को गुमराह करने का शक
– बिजनौर के पुलिस अधीक्षक अजय सहनी ने मुताबिक, ”पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां बिजनौर और इसके आसपास के इलाकों में धार्मिक संस्थानों पर कड़ी नजर रखे हुए है।”
– ”इन संस्थानों में जाने वाले इलाके के जिम्मेदार नागिरकों से भी सहायता मांगी गई है। ताकि युवकों को भटकने से बचाया जा सके।”
– सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों को ऐसा शक है कि इन मस्जिदों-मदरसों में युवकों को भटकाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए आतंकी संगठनों के स्लिपर सेल काम कर रहे हैं।
एटीएस ने मस्जिद के इमाम को किया गिरफ्तार
– गौरतलब है कि, एटीएस ने 5 राज्यों की पुलिस के साथ ज्वाइंट ऑपरेशन में चार युवकों को गिरफ्तार किया था। जबकि आठ युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी।
– इन सभी से पूछताछ के बाद शुक्रवार (21 अप्रैल) को 4 युवकों को छोड़कर बाकी सभी को रिहा कर दिया गया था। इनमें से एक युवक का नाम फैजान है, जोकि बिजनौर की एक मस्जिद का इमाम है। वहीं दूसरे का नाम एहतेशाम है। बाकी 2 युवकाें से पूछताछ जारी है।
बिजनौर के और 20 संदिग्ध एटीएस के निशाने पर
– एटीएस को गिरफ्तार संदिग्ध मुफ्ती फैजान से पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं। इसके आधार पर 20 संदिग्धों के बारे में गहराई से पता किया जा रहा है। इसके तहत एटीएस जल्द बड़े पैमाने पर छापामारी कर सकती है।
– एटीएस के मुताबिक, फैजान ने कई लोगों को अपने साथ जोड़ा है और उसकी जड़ें मुंबई तक हैं।
– आतंकी गतिविधियों में लंबे अरसे से बिजनौर के लोग लिप्त रहे हैं और कई बार पकड़े भी जा चुके हैं।
सेल्फ मोटिवेटेड और गुमराह हैं नौजवान- दलजीत चौधरी
– बता दें, इन सभी युवकों की गिरफ्तारी के बाद तात्कालीन यूपी एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) दलजीत चौधरी ने कहा था, “ये लोग सेल्फ मोटिवेटेड हैं, किसी ग्रुप से इन्हें मदद नहीं मिली है।” साथ ही उन्होंने इन युवकों का भटका हुआ भी बताया था।
– उन्होंने कहा था- ”यह सिर्फ गुमराह नौजवान हैं। इन्हें मुख्य धारा में लाने की कोशिश की जा रही है, जिससे समाज में पुलिस और व्यवस्था के प्रति इनका विश्वास बढ़े।”