नई दिल्ली: अब देश के लिए नया राष्ट्रपति चुनने के लिए चार महीने से भी कम वक्त रह गया है, और केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की महाराष्ट्र में सहयोगी शिवसेना ने संकेत दिए हैं कि उनके समर्थन को पहले से ‘जेब में’ नहीं माना जाना चाहिए. Shiv
शिवसेना के वरिष्ठ नेता तथा राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे कई पार्टियों के साथ संपर्क में हैं, जिनमें बीजेपी की प्रतिद्वंद्वी पार्टियां भी शामिल हैं.
संसद के उच्च सदन के सदस्य संजय राउत ने कहा, “मेरा कहना है कि जिसे भी समर्थन चाहिए (अपने प्रत्याशी के लिए), उन लोगों को पीआर तथा (उद्धव ठाकरे से) संपर्क बनाने पर काम शुरू कर देना चाहिए… यह राजनीति है… राष्ट्रपति का चुनाव भी राजनीति का ही हिस्सा है, और यह अब निष्पक्ष नहीं रहा है.
वैसे, संजय राउत ने सभी को हैरान करते हुए राष्ट्रपति पद के लिए शिवसेना की पसंद के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक, यानी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का नाम लेकर एक नई बहस छेड़ दी है.
उन्होंने अपनी पसंद का बचाव करते हुए कहा, “देश अब हिन्दुत्व की विचारधारा को स्वीकार कर रहा है…” और आरएसएस प्रमुख अच्छे राष्ट्रपति साबित होंगे. उन्होंने दावा किया, “अगर हम (आरएसएस प्रमुख मोहन) भागवत का नाम आगे बढ़ाते हैं, तो पूरा देश हमें समर्थन देगा.